देहरादून: साइबर अपराधियों ने शातिर तरीके से एक कार शोरूम के अकाउंटेंट को अपना शिकार बनाते हुए 53 लाख रुपए की ठगी को अंजाम दिया। ठगों ने कंपनी के डायरेक्टर का व्हाट्सएप डीपी और नाम इस्तेमाल करते हुए अकाउंटेंट को धोखा दिया। पीड़ित की शिकायत पर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
शांति विहार निवासी संजय मदान, जो बीएम हुंडई शोरूम में अकाउंट संभालते हैं, ने पुलिस को बताया कि 24 नवंबर को उनके व्हाट्सएप पर एक मैसेज आया। मैसेज भेजने वाले ने खुद को शोरूम का डायरेक्टर सचिन अजमानी बताया और कहा कि यह उनका नया नंबर है। व्हाट्सएप डीपी पर सचिन अजमानी की फोटो देखकर संजय को कोई शक नहीं हुआ, और उन्होंने नंबर सेव कर लिया।
अगले दिन, 25 नवंबर को, उसी नंबर से संजय को कंपनी के बैंक फंड की जानकारी साझा करने के लिए कहा गया। ठग ने खुद को डायरेक्टर बताते हुए 38 लाख रुपए एक प्रोजेक्ट के लिए ट्रांसफर करने को कहा और बैंक अकाउंट डिटेल दी। संजय ने ठग के बताए खाते में बिना किसी पुष्टि के 38 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए।
इसके बाद, ठग ने 50 लाख रुपए और भेजने को कहा। जब संजय इतनी बड़ी रकम की व्यवस्था नहीं कर पाए, तो उन्होंने 15 लाख रुपए और ट्रांसफर कर दिए। इस तरह साइबर ठगों ने कुल 53 लाख रुपए की ठगी कर ली।
26 नवंबर को, जब ठग ने 35 लाख रुपए और मांगे, तो संजय को शक हुआ। उन्होंने तुरंत असली डायरेक्टर सचिन अजमानी से उनके आधिकारिक नंबर पर संपर्क किया, तब उन्हें पता चला कि यह ठगी का मामला है और सचिन अजमानी ने कोई रकम मांगी ही नहीं थी।
साइबर क्राइम प्रभारी अंकुश मिश्रा ने बताया कि शिकायत के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जिस बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर किए गए हैं, उसकी जांच जारी है। पुलिस ने ठगों की पहचान के लिए तकनीकी जांच तेज कर दी है।
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