देहरादून से एक बड़ी खबर सामने आई है, जिसमें देहरादून राज्य के युवाओं के साथ छलावा और उनकी भर्ती में धांधली करने वालों की अब खैर नहीं है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहले ही कहा है कि कार्रवाई ऐसी होगी कि नकल माफिया कभी दुबारा उत्तराखंड में ऐसी हरकत नहीं करेंगे। लिहाजा उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अधिकारी अब विजिलेंस के दायरे में आ सकते हैं क्योंकि सूत्रों के अनुसार पता चला है कि पुलिस जांच में लंबे समय से आयोग में चल रही गड़बड़ियों के बीच पुलिस ने आयोग के दो पूर्व अधिकारियों सहित छह लोगों की पुलिस विजिलेंस जांच की सिफारिश शासन से की है। हालांकि इसमें आखिरी निर्णय मुख्यमंत्री को लेना होगा।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में स्नातक स्तरीय की भर्ती परीक्षा पेपर लीक होने के बाद जहाँ एक ओर 35 गिरफ्तारी हो गई है तो वहीं विजिलेंस भी प्रारंभिक जांच में आयोग के कर्मचारियों पर आये अधिक संपत्ति का संदेश भी सामने खड़ा हुआ है। यही नहीं बुधवार को पुलिस मुख्यालय में आयोग के दो अधिकारियों और तीन कर्मचारियों और एक कंपनी के मालिक के खिलाफ़ विजिलेंस जांच की सिफारिश भी की है अब तक प्रकरण मुख्य सचिव एसएस संधू की अध्यक्षता में आयोजित होने वाली सतर्कता समिति की बैठक में रखा जाएगा, जिसकी अंतिम मंजूरी के बाद उसे मुख्यमंत्री के पास भेजा जाएगा।