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अगर जर्मनी में सरकारी या प्राइवेट नौकरी करना चाहते हैं तो दून विश्वविद्यालय में गोएथे इंस्टीट्यूट की परीक्षा देनी होगी। पास होने पर जर्मनी में नौकरी करने का सपना पूरा हो सकता है। गोएथे इंस्टीट्यूट के क्षेत्रीय परीक्षा केंद्र के लिए दून विश्वविद्यालय का चयन किया गया है। इससे देहरादून और आसपास के क्षेत्रों के छात्रों को आसानी रहेगी।


जी हाँ,गोएथे इंस्टीट्यूट नई दिल्ली की ओर से भारत में जर्मन शिक्षण विभाग की अध्यक्ष पुनीत कौर, प्रोजेक्ट मैनेजर सोनाली सहगल ने दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल, कुलसचिव डॉ. एमएस मंद्रवाल और जर्मन भाषा विभाग के अध्यक्ष डॉ. विपुल गोस्वामी से मुलाकात की। इसके बाद इस फैसले पर मुहर लगाई गई है। प्रोफेसर सुरेखा ने बताया कि जर्मनी में नौकरी के लिए गोएथे इंस्टीट्यूट का सर्टिफिकेट जरूरी है।


बता दें की अभी तक गोएथे इंस्टीट्यूट दिल्ली में यह परीक्षा होती थी। लेकिन, अब क्षेत्रीय स्तर पर दून विश्वविद्यालय में भी परीक्षा करवाई जा सकेगी। ऐसे में छात्रों को दिल्ली जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके अलावा इस परीक्षा के लिए आवेदन बहुत सीमित समय के लिए खुलते थे और मिनटों में सीटें फुल हो जाती थीं लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। दून विश्वविद्यालय में जर्मन स्टडी का विभाग भी है, इसलिए यहां पर परीक्षा करवाई जा सकती है।

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वहीं प्रोफेसर सुरेखा ने बताया कि अगर कोई छात्र दून विश्वविद्यालय में पीजी की पढ़ाई कर रहा है और पीजी का एक सेमेस्टर जर्मनी के विश्वविद्यालय से करना चाहता है तो कर सकता है। इसके लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से अनुमति भी मिली है। वहां मास्टर्स में अधिकतर विषयों में ट्यूशन फीस भी नहीं लगती है।
दरअसल,गोएथे इंस्टीट्यूट जर्मनी का सरकारी सांस्कृतिक संस्थान है। विदेशों में जर्मन दूतावास के सहयोग से जर्मन भाषा और संस्कृति का प्रचार व विस्तार करता है। वर्ष 2021 के आंकड़ों के अनुसार, यह विश्व के 98 देशों के 158 शहरों में सक्रिय है।

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