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गढ़वाल विश्वविद्यालय और उससे संबंधित अन्य कॉलेजों में सीयूईटी के आधार पर दाखिले की प्रक्रिया तो शुरू हो चुकी है लेकिन कुछ ऐसे कोर्स भी हैं जिन पर संकट के बादल छाए हुए हैं।


जी हां, कुछ ऐसे कोर्सेज हैं जो विश्वविद्यालय परिसर में तो संचालित नहीं होते हैं लेकिन उनसे संबद्ध कॉलेजों में संचालित होते हैं अब ऐसे कोर्सेज के दाखिलों पर संकट है।


बता दें की अब कॉलेजों की एसोसिएशन ने गढ़वाल विवि से इस मामले में निर्णय लेने की मांग की है।गढ़वाल केंद्रीय विवि से 10 अशासकीय डिग्री कॉलेज और 72 निजी कॉलेज संबद्ध हैं। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने सीयूईटी के लिए जब आवेदन प्रक्रिया शुरू की थी तो वेबसाइट पर केवल गढ़वाल विवि व इसके कोर्सेज ही दिखाए थे। कॉलेज, उनके कोर्स व सीटों की जानकारी उजागर नहीं की थी।


वहीं इस वजह से छात्र केवल उन कोर्सेज के लिए ही आवेदन कर पाए हैं जो कि विवि परिसरों में चलते हैं। संकट इस बात का है कि उन कोर्स के समान कॉलेजों में चल रहे कोर्सेज में तो दाखिले हो जाएंगे, लेकिन जो कोर्स केवल कॉलेजों में चल रहे हैं, उनके दाखिलों का क्या होगा।


इन कोर्सेज पर छाए संकट के बादल
बीएससी एग्रीकल्चर
बीपीटी
बीएससी एमएलटी
एमएससी एमएलटी
बीएससी बायोटेक विद सीबीजेड

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कई ऐसे कोर्स हैं जो विवि परिसर में नहीं चलते, उससे संबद्ध कॉलेजों में चलते हैं। जब देशभर के छात्रों को इसकी जानकारी ही नहीं मिल पाई तो दाखिला कैसे होगा। हम विवि से मांग करते हैं कि इनके लिए कोई व्यवस्था बनाई जाए। –डॉ. सुनील अग्रवाल, अध्यक्ष, एसोसिएशन ऑफ सेल्फ फाइनेंस इंस्टीट्यूट

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