देहरादून से एक बड़ी खबर सामने आ रही है खबर के अनुसार बताया गया है कि देहरादून में ठगों ने एक कंपनी के अधिकारी को उसी की जमीन में प्रोजजक्ट शुरू करने के नाम पर 12 करोड़ की ठगी कर दी। कुछ व्यक्तियों ने दून वैली कोलोनाइजर्स एंड बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक से 12 करोड़ रुपये की ठगी कर दी..हैरानी की बात ये है कि ठगों ने निदेशक की जमीन पर ही बड़ी कंपनी खोलने का वादा किया था। बाद में पता चला तो ये सब कुछ ठगों का जाल था। अब दून वैली कोलोनाइजर्स एंड बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक ने राजपुर थाना पुलिस के पास शिकायत की। अब जाकर बालाजी डेवलपवेल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक सहित 11 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
वहीं,शिकायतकर्ता प्रदीप नागरथ द्वारा पुलिस को बताया गया है कि वो साल 1992 से दून वैली कोलोनाइजर्स एंड बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं। 35 सालों से उनकी कंपनी की 36 बीघा जमीन तरला नागल, सहस्रधारा में है। उन्होंने शिकायत में बताया कि जितेंद्र खरबंदा नाम के व्यक्ति ने खुद को बालाजी डेवलपवेल कंपनी का निदेशक बताया और उसकी कंपनी दिल्ली के पते पर रजिस्टर्ड थी
बता दें कि 5 जुलाई, 2014 को जितेंद्र ने तरला नागल स्थित प्रदीप की कंपनी की भूमि पर हाउसिंग प्रोजेक्ट बनाकर बेचने का प्रस्ताव दिया था। प्रस्ताव देते समय जितेन्द्र ने ये बात छिपाई कि उनकी कंपनी साल 2011 से आस्तित्व में ही नहीं थी। जितेंद्र ने प्रदीप से ये भी कहा कि- आप काम के सिलसिले में बाहर रहते हैं, ऐसे में हाउसिंग प्रोजेक्ट में पूरा समय नहीं दे पाएंगे।
आपको बता दें कि प्रोजेक्ट का कार्य प्रभावित न हो, इसलिए अपनी जगह अजय पुंडीर को प्रतिनिधि नियुक्त कर दें। जितेंद्र के झांसे में आकर प्रदीप ने अजय पुंडीर को अपना प्रतिनिधि नियुक्त कर दिया। बस फिर क्या था जितेन्द्र और अजय ने सहमति पत्र से उनकी करीब 12 करोड़ रुपये की जमीन बेच दी और इसमें अपने कुछ अन्य साथियों को भी शामिल किया। अब मामला पुलिस के पास पहुंच गया है और 11 लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर दिया गया है।