देहरादून में बड़ा भ्रष्टाचार: यूपीआरएनएन के अधिकारियों पर गंभीर आरोप

देहरादून में निर्माण कार्यों में एक बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (यूपीआरएनएन) के तत्कालीन अधिकारियों पर 130 करोड़ रुपये के गबन का आरोप लगा है। इस मामले में कुल छह अलग-अलग मामलों में पांच अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप है कि इन अधिकारियों ने भूमि उपलब्ध न होने के बावजूद कई संस्थानों के लिए जारी धनराशि का उपयोग अन्य कार्यों में कर लिया। इस घोटाले को लेकर नेहरू कॉलोनी थाने में अपर परियोजना प्रबंधक सुनील कुमार की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया है।

15 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के लिए जारी धनराशि का दुरुपयोग

कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग ने 15 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के लिए 1517.50 लाख रुपये जारी किए थे। इनमें से छह संस्थानों के लिए भूमि उपलब्ध नहीं थी, लेकिन इसके बावजूद 600.16 लाख रुपये की धनराशि को अन्य कार्यों में खर्च कर दिया गया।

इन अधिकारियों पर दर्ज हुआ मुकदमा

इस मामले में तत्कालीन परियोजना प्रबंधक शिव आसरे शर्मा, प्रदीप कुमार शर्मा, सहायक लेखा अधिकारी वीरेंद्र कुमार रवि समेत कई अन्य अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

डिजास्टर रिलीफ सेंटर निर्माण में 428 लाख रुपये का घोटाला

डिजास्टर रिलीफ सेंटर के निर्माण कार्यों में भी भ्रष्टाचार सामने आया है। तत्कालीन परियोजना प्रबंधक प्रदीप कुमार शर्मा और सहायक लेखाधिकारी वीरेंद्र कुमार रवि पर आरोप है कि बिना भूमि अधिग्रहण किए 428 लाख रुपये का गबन कर लिया गया।

पर्यटन विभाग में 159.85 लाख रुपये की वित्तीय अनियमितता

पर्यटन विभाग के तहत चल रहे निर्माण कार्यों में भी बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता सामने आई है। तत्कालीन अतिरिक्त परियोजना प्रबंधक शिव आसरे शर्मा, महाप्रबंधक प्रदीप कुमार शर्मा और सेवानिवृत्त सहायक लेखा अधिकारी राम प्रकाश ने बिना सेंटेज कराए 159.85 लाख रुपये की हेराफेरी कर दी।

10,971.65 लाख रुपये का बड़ा घोटाला उजागर

एक अन्य बड़े मामले में तत्कालीन परियोजना प्रबंधक शिव आसरे शर्मा, प्रदीप कुमार शर्मा, सहायक लेखा अधिकारी राम प्रकाश गुप्ता और वीरेंद्र कुमार रवि पर 10,971.65 लाख रुपये का गबन करने का आरोप लगा है।

दून मेडिकल कॉलेज में 993 लाख रुपये का गबन

दून मेडिकल कॉलेज से जुड़े मामले में भी बड़ा भ्रष्टाचार सामने आया है। ओपीडी ब्लॉक के निर्माण के लिए 4553.59 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत हुई थी, लेकिन इकाई प्रभारी सतीश कुमार ने बिना कोई कार्य कराए 993 लाख रुपये का गबन कर दिया।

औद्योगिक आस्थान सुविधाओं में भी घोटाला

औद्योगिक आस्थान सुविधाओं के अंतर्गत स्ट्रीट लाइट के निर्माण में भी अनियमितताएं पाई गईं। तत्कालीन परियोजना प्रबंधक प्रदीप कुमार शर्मा पर 562.785 लाख रुपये के गबन का आरोप लगा है।

जांच जारी, कड़ी कार्रवाई के संकेत

इस पूरे घोटाले के बाद प्रशासन ने सख्त कार्रवाई के संकेत दिए हैं। मामले की जांच चल रही है और दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।

Leave A Reply