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देहरादून में कांवड़ यात्रा के दौरान यातायात नियमों के खुलेआम उल्लंघन की एक गंभीर शिकायत पर मानवाधिकार आयोग ने कड़ा संज्ञान लिया है। यह शिकायत नेहरू कॉलोनी की रहने वाली और ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी की छात्रा सृष्टि निझावन द्वारा दर्ज कराई गई थी। शिकायत में कहा गया है कि कांवड़ यात्रियों ने यातायात नियमों का खुलकर उल्लंघन किया, और इसके बावजूद यातायात पुलिस मूकदर्शक बनी रही। शिकायत के अनुसार, कई कांवड़ यात्री रैश ड्राइविंग कर रहे थे और बिना हेलमेट के तीन-तीन लोग एक ही दुपहिया वाहन पर सवार थे, बावजूद इसके पुलिस ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। इसके विपरीत, अन्य नागरिकों पर यातायात नियमों के उल्लंघन के लिए तुरंत कार्रवाई की जा रही थी। सृष्टि निझावन का कहना है कि कांवड़ यात्रियों की इस लापरवाही ने न केवल यातायात नियमों का उल्लंघन किया, बल्कि सड़क पर चलने वाले अन्य लोगों की सुरक्षा को भी खतरे में डाल दिया।इस गंभीर शिकायत पर मानवाधिकार आयोग के सदस्य गिरधर सिंह धर्मशक्तू ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी किया और इस मामले में दो सितंबर 2024 तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि अपेक्षित कार्रवाई नहीं की गई तो इस संबंध में आयोग द्वारा उचित आदेश पारित किए जाएंगे। इस मामले में आयोग की तत्परता यह दर्शाती है कि सार्वजनिक सुरक्षा और यातायात नियमों के पालन में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, चाहे वह कांवड़ यात्रा जैसी धार्मिक यात्रा के दौरान ही क्यों न हो।

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अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पुलिस इस मामले में क्या कार्रवाई करती है और किस प्रकार से यातायात नियमों के पालन को सुनिश्चित करती है।

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