अधिकारियों की लगातार छुट्टी से परियोजना पर संकट गहराया
देहरादून की महत्वाकांक्षी नियो मेट्रो परियोजना शुरू होने से पहले ही संकट में फंसती नजर आ रही है। उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (यूकेएमआरसी) में अधिकारियों के कार्यकाल समाप्त होने और सेवा विस्तार न मिलने के कारण परियोजना का भविष्य अनिश्चित हो गया है। अब तक इस परियोजना पर 80 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई ठोस प्रगति नहीं दिख रही है।
अधिकारियों के कार्यकाल समाप्त, टीम हो रही खाली
महाप्रबंधक (वित्त), अपर महाप्रबंधक और डीजीएम (सिविल) के बाद अब जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) का कार्यकाल भी समाप्त हो रहा है। सोमवार को पीआरओ अपनी सेवाओं से विदा ले लेंगे। वहीं, प्रबंध निदेशक जितेंद्र त्यागी, जिन्होंने इस परियोजना की शुरुआत की और डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करवाई, का कार्यकाल भी समाप्त होने वाला है। महाप्रबंधक (सिविल) सुनील त्यागी का कार्यकाल 9 जनवरी को समाप्त हो रहा है, और उनके सेवा विस्तार पर भी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
फरवरी में लैंड ऑफिसर और लेखपाल का कार्यकाल भी खत्म
फरवरी 2025 में लैंड ऑफिसर और लेखपाल का कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है। ऐसे में यह स्थिति परियोजना की निरंतरता पर गंभीर प्रश्न खड़े करती है।
सात साल का लंबा सफर, 80 करोड़ रुपये खर्च, लेकिन नतीजा शून्य
नियो मेट्रो परियोजना की शुरुआत सात साल पहले हुई थी। इस दौरान कई बार परियोजना के स्वरूप में बदलाव किए गए, और अंततः नियो मेट्रो के लिए डीपीआर तैयार की गई। 8 जनवरी 2022 को राज्य कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद इसे केंद्र सरकार को भेजा गया, लेकिन तब से यह फाइलों में ही कैद है।
सालाना 672 करोड़ की आय का अनुमान, फिर भी प्रगति नहीं
यूकेएमआरसी के अनुसार, नियो मेट्रो शुरू होने पर यह सालाना 672 करोड़ रुपये की आय दे सकती है। वहीं, संचालन खर्च 524 करोड़ रुपये के करीब रहेगा, जिससे यह परियोजना आरंभ से ही लाभदायक साबित होगी। इसके बावजूद परियोजना की प्रगति ठप है।
अन्य प्रस्तावित परियोजनाएं भी अधर में
नियो मेट्रो के अलावा, उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के पास दून में पॉड टैक्सी, ऋषिकेश में नीलकंठ रोपवे, हरिद्वार में पॉड टैक्सी और हरकी पैड़ी से चंडी देवी रोपवे जैसी परियोजनाएं भी प्रस्तावित हैं। लेकिन नियो मेट्रो की स्थिति ने अन्य परियोजनाओं के भविष्य पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
देहरादून की यातायात समस्या का समाधान अधर में
देहरादून में यातायात का दबाव कम करने और जाम की समस्या को हल करने के लिए नियो मेट्रो एक महत्वाकांक्षी परियोजना थी। लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए यह कहना मुश्किल है कि यह परियोजना कब धरातल पर उतरेगी।
यह भी पढें- देहरादून: अफसर से मिलने दफ्तर पहुंचे थानाध्यक्षों पर भड़के IG रेंज राजीव स्वरूप, सख्त फटकार लगाई