देहरादून: स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत विकसित ऐतिहासिक परेड ग्राउंड की देखरेख का जिम्मा अब मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) को सौंप दिया गया है। स्मार्ट सिटी बोर्ड की हालिया बैठक में इस पर फैसला लिया गया, जिससे लंबे समय से चली आ रही असमंजस की स्थिति खत्म हो गई। स्मार्ट सिटी के तहत परेड ग्राउंड का सौंदर्यीकरण और सुविधाओं का विकास किया गया है। अब इनका रखरखाव एमडीडीए सुनिश्चित करेगा।
परेड ग्राउंड में हुए प्रमुख विकास कार्य
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत परेड ग्राउंड को एक मॉडर्न और बहुउद्देश्यीय स्थल के रूप में विकसित किया गया है। इसमें बच्चों के खेलने के लिए विशेष स्थान, शिक्षा देने वाली आकर्षक पेंटिंग्स, और एक बड़ा मंच बनाया गया है। मंच का उपयोग अब तक विभिन्न राजनीतिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए होता रहा है।
पार्क की सुंदरता को बनाए रखने के लिए उन्नत लाइटिंग की व्यवस्था की गई है। यहां महंगी घास लगाई गई है, जिसे नुकसान से बचाने के लिए जिला प्रशासन ने पार्क के उपयोग पर कुछ प्रतिबंध भी लगाए हैं।
खेल और अन्य गतिविधियों की सुविधाएं
परेड ग्राउंड में खेल प्रेमियों के लिए एक बड़ा मैदान रखा गया है। इसके चारों ओर दौड़ने के लिए ट्रैक और विभिन्न खेलों की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। युवाओं के लिए यह स्थान नियमित अभ्यास और मनोरंजन का प्रमुख केंद्र बन गया है। साथ ही, यहां पर दो बड़े शौचालय भी बनाए गए हैं, ताकि आगंतुकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
रखरखाव की जिम्मेदारी और शुल्क पर विचार
स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत किए गए बड़े निर्माण कार्यों के बाद उनकी देखभाल और रखरखाव की जिम्मेदारी महत्वपूर्ण है। एमडीडीए को यह सुनिश्चित करना होगा कि परेड ग्राउंड हमेशा उपयोगी और आकर्षक बना रहे।
इसके साथ ही, पार्क और ग्राउंड के रखरखाव पर होने वाले खर्च को वहन करने के लिए प्रवेश शुल्क लगाने पर भी विचार किया जा रहा है। हालांकि, एमडीडीए ज्यादातर खर्च खुद वहन करेगा, लेकिन न्यूनतम शुल्क से इस स्थल की गुणवत्ता को बनाए रखने में मदद मिलेगी।
परेड ग्राउंड की ऐतिहासिकता और भविष्य की योजना
परेड ग्राउंड देहरादून की ऐतिहासिक धरोहरों में से एक है, जिसे अब एक आधुनिक सार्वजनिक स्थल में परिवर्तित कर दिया गया है। एमडीडीए की जिम्मेदारी है कि इस स्थान की ऐतिहासिकता और आधुनिकता का संतुलन बनाए रखा जाए, जिससे यह शहर के निवासियों और पर्यटकों के लिए एक आकर्षक स्थान बना रहे।
इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत विकसित संरचनाओं और सुविधाओं की देखभाल अब प्रभावी तरीके से की जाएगी। एमडीडीए के अधीन परेड ग्राउंड न केवल अपनी ऐतिहासिक पहचान को बनाए रखेगा, बल्कि आधुनिक सुविधाओं के साथ लंबे समय तक शहर की शान बना रहेगा।
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