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देहरादून। सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता के परिवार ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने आरोपितों के घरों पर बुलडोजर चलाने की मांग की, क्योंकि आरोपियों ने उनकी बेटी के साथ घिनौनी हरकत की है। परिवार का कहना है कि सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देती है, लेकिन देवभूमि में ऐसे कृत्य समाज के लिए शर्मनाक हैं।

इसलिए, आरोपियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई और ऐसी घिनौनी हरकत करने की हिम्मत न कर सके।पीड़िता मानसिक रूप से कमजोर थी और उसे कभी स्कूल भेजा नहीं गया। ग्राम प्रधान मोहम्मद फारुख ने बताया कि पीड़िता का परिवार बेहद गरीब है और एक छोटे से कमरे में रहकर जीवनयापन करता है।

उनके पास खेती के लिए जमीन भी नहीं है। पीड़िता की बड़ी बहन की शादी हो चुकी है, जबकि दो भाई मजदूरी करके परिवार का पेट पालते हैं। पीड़िता के पिता भी मजदूरी करते हैं। पीड़िता अक्सर मानसिक अस्थिरता के कारण घर से भाग जाया करती थी और उसे कई बार बरेली या रामपुर से वापस लाना पड़ा था। 17 अगस्त को उत्तराखंड पुलिस ने ग्राम प्रधान को सूचित किया कि पीड़िता देहरादून में मिली है और उसके साथ दुष्कर्म हुआ है। इसके बाद ग्राम प्रधान खुद पीड़िता के परिवार को देहरादून लेकर आए, क्योंकि उनके पास यात्रा का खर्च उठाने तक के पैसे नहीं थे।

परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि वे बेटी के गायब होने पर गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज नहीं करा सके। पीड़िता की मां का पहले ही देहांत हो चुका है और वह दूसरी मां की संतान है। इस गरीबी और बेबसी के बीच, पीड़िता और उसका परिवार न्याय की गुहार लगा रहा है।

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