देहरादून में नौकरी दिलाने का झांसा देकर एक दंपति से 13 लाख 50 हजार रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। पीड़ित की शिकायत पर नगर कोतवाली पुलिस ने एक महिला समेत चार लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
मंदिर में हुई मुलाकात बनी ठगी की शुरुआत
शिमला बायपास रोड निवासी किरन ने पुलिस को बताया कि उनके पिता जनार्दन भट्ट मोहाली स्थित एक मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं। वहीं उनकी मुलाकात फकीर चंद्र नामक व्यक्ति से हुई। फकीर चंद्र ने दावा किया कि उसका पोता कनाडा में रहता है और पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में नौकरी के लिए चयनित हुआ है। लेकिन पोते ने नौकरी करने से इनकार कर दिया है। इसके बाद वह अपने पोते के दोस्त सरप्रीत को नौकरी दिलाने की योजना बना रहे थे।
पढ़े-लिखे दंपति को बनाया निशाना
फकीर चंद्र ने जनार्दन भट्ट से उनके बेटे पंकज भट्ट और बहू की शैक्षणिक योग्यता के बारे में जानकारी ली और उन्हें नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया। इसके बाद पंकज ने फकीर चंद्र के बेटे नरेंद्र चड्ढा और बहू ज्योति से मुलाकात की। आरोपियों ने नौकरी के लिए मोटी रकम की मांग की और भरोसा दिलाया कि पंकज का ट्रांसफर जल्द ही उत्तराखंड में हो जाएगा।
रकम की मांग और फर्जीवाड़ा
आरोपियों ने शुरुआत में उत्तराखंड से स्टांप लाने के नाम पर एक लाख रुपए मांगे। इसके बाद पंकज ने बैंक से लोन लेकर 27 जुलाई को 6 लाख रुपए, 11 जुलाई को 3.5 लाख रुपए, और 17 जुलाई को 3 लाख रुपए नरेंद्र चड्ढा और ज्योति को नकद दिए। पहले से ही एक लाख रुपए स्टांप के लिए दिए जा चुके थे।
कुछ समय बाद आरोपियों ने रजिस्टर्ड डाक के जरिए एक लिफाफा भेजा, जिसमें कॉल लेटर के बजाय पंकज की पत्नी के आधार कार्ड की कॉपी थी। जब पीड़ित ने आरोपियों से संपर्क किया, तो उन्होंने जवाब देने से बचना शुरू कर दिया और धमकियां देने लगे।
पुलिस की कार्रवाई
नगर कोतवाली प्रभारी चंद्रभान सिंह ने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर फकीर चंद्र, नरेंद्र चड्ढा, ज्योति और सरप्रीत सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और आरोपियों को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।
सावधानी की जरूरत
यह घटना एक बार फिर से दिखाती है कि नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह किस तरह भोले-भाले लोगों को निशाना बनाते हैं। ऐसे में किसी भी नौकरी के प्रस्ताव को स्वीकार करने से पहले उसकी सत्यता की पूरी जांच करना बेहद जरूरी है।