देहरादून: दून के एक सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य श्यामलाल की हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस जघन्य अपराध को रुड़की निवासी पति-पत्नी की जोड़ी ने अंजाम दिया, जो फिलहाल फरार हैं। पुलिस ने शव ठिकाने लगाने वाले दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। प्रारंभिक जांच में आशंका जताई जा रही है कि संपत्ति हड़पने के इरादे से ही इस हत्या को अंजाम दिया गया। पुलिस ने मामले की जांच तेज कर दी है और फरार आरोपियों की तलाश जारी है।


गुमशुदगी से हत्या तक: पूरा घटनाक्रम

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि सात फरवरी को थाना पटेलनगर में निधि राठौर नामक युवती ने अपने पिता श्यामलाल की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। निधि ने बताया कि उनके 80 वर्षीय पिता अपने घर से बाइक पर निकले थे, लेकिन वापस नहीं लौटे। उनका मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ था। परिवार वालों ने अपने स्तर पर उनकी तलाश की, मगर कोई सुराग नहीं मिला।

जांच में पुलिस को पता चला कि श्यामलाल के घर से निकलने से पहले उनकी किसी गीता नामक महिला से फोन पर बातचीत हुई थी। कॉल डिटेल और सर्विलांस से पता चला कि उनके घर से निकलने के बाद भी चार बार गीता से बातचीत हुई थी। इसके अलावा, दोनों की मोबाइल लोकेशन भी एक ही स्थान पर ट्रेस हुई। जब पुलिस ने श्यामलाल के घर के आसपास के सीसीटीवी फुटेज की जांच की, तो उन्हें मोटरसाइकिल पर किशन नगर चौक होते हुए गीता के किराये के घर के पास जाते हुए देखा गया। मगर वापसी की कोई रिकॉर्डिंग नहीं मिली।

जब पुलिस ने गीता और उसके पति के बारे में जानकारी जुटाई, तो दोनों फरार मिले और उनके फोन भी स्विच ऑफ थे। यह तथ्य पुलिस को और अधिक संदेहास्पद लगे, जिससे जांच की दिशा हत्या की ओर मुड़ गई।


हत्या और शव ठिकाने लगाने की साजिश

पुलिस ने जब गीता के मायके देवबंद (सहारनपुर) में दबिश दी, तो उसके भाई अजय कुमार को हिरासत में लिया गया। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि उसकी बहन और जीजा ने श्यामलाल की हत्या कर दी थी। इसके बाद शव को ठिकाने लगाने के लिए अजय और उसके साथी धनराज चावला को बुलाया गया था।

अजय के अनुसार, दो फरवरी को गीता ने फोन कर बताया कि उन्होंने एक व्यक्ति की हत्या कर दी है और शव को ठिकाने लगाने में मदद चाहिए। इस पर अजय तीन फरवरी को देहरादून पहुंचा, और चार फरवरी को धनराज चावला भी आ गया। उन्होंने शव को प्लास्टिक के कट्टे में रस्सियों से बांधकर अन्य सामानों के साथ कार की डिग्गी में रख दिया। मृतक की बाइक को आईएसबीटी के पास एक खाली प्लॉट में खड़ा कर दिया और उसकी नंबर प्लेट निकालकर कूड़े में फेंक दी। इसके बाद शव को लेकर सहारनपुर के देवबंद पहुंचे, जहां उसे नहर में बहा दिया गया और मृतक का सामान भी नहर में फेंक दिया गया।


हत्या के पीछे के अनसुलझे सवाल

पुलिस अभी तक हत्या के सही कारणों और हत्या की सटीक प्रक्रिया का पता नहीं लगा पाई है। साथ ही यह भी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि हत्यारों की मृतक से जान-पहचान कब और कैसे हुई थी। यह भी अनिश्चित है कि आरोपियों ने श्यामलाल को किस बहाने बुलाया था।

इस पूरे मामले को संपत्ति हड़पने की साजिश और प्रेम प्रसंग दोनों कोणों से देखा जा रहा है। आशंका है कि गीता ने श्यामलाल से मित्रता कर उन्हें जाल में फंसाया और फिर साजिश के तहत उनकी हत्या कर दी।


हत्या के मुख्य आरोपी: कौन हैं गीता और हिमांशु?

हत्या के मुख्य आरोपी गीता और उसका पति हिमांशु चौधरी मूल रूप से रुड़की के रहने वाले हैं। हिमांशु देहरादून के एक प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहा था। पढ़ाई के दौरान वह अपनी पत्नी गीता के साथ देहरादून में किराये के मकान में रह रहा था। इस जघन्य अपराध के बाद से दोनों फरार हैं। पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है।


भूमाफियाओं के निशाने पर थे श्यामलाल

श्यामलाल चंद्रबनी में रहते थे, जहां उनका एक मकान और कई बीघा जमीन थी। इसके अलावा पित्थूवाला क्षेत्र में भी उनकी कई संपत्तियाँ थीं। वह राजकीय इंटर कॉलेज से सेवानिवृत्त होने के बाद किसान यूनियन से भी जुड़े रहे थे।

सूत्रों की मानें तो टर्नर रोड के कुछ प्रॉपर्टी डीलर सहारनपुर के भूमाफियाओं के साथ मिलकर उनकी संपत्ति हड़पने की कोशिश कर रहे थे। पहले भी उनकी कुछ संपत्तियाँ पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए बेची जा चुकी थीं। पुलिस इन सभी कोणों से मामले की जाँच कर रही है।


पुलिस जांच में प्रगति और आगे की कार्रवाई

पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों अजय कुमार और धनराज चावला को कोर्ट में पेश कर तीन दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड ले ली है। मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।

इस मामले के पीछे की असली साजिश तभी पूरी तरह उजागर हो सकेगी जब मुख्य आरोपी गीता और हिमांशु पकड़े जाएंगे। पुलिस इस हत्याकांड से जुड़े हर पहलू की गहराई से जांच कर रही है ताकि श्यामलाल को न्याय मिल सके और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जा सके।

यह भी पढें- जानिए, बीजेपी की पहली बार विधायक बनीं रेखा गुप्ता, जो अब दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं।

Share.
Leave A Reply