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उत्तराखंड की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए बंद पड़ी बीमा पॉलिसी को चालू कराने के बहाने 24 लाख रुपए की ठगी करने वाले गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी दिल्ली से की गई है। आरोपी और उसके साथियों ने चमोली जिले के जोशीमठ (अब ज्योर्तिमठ) में रहने वाले एक व्यक्ति को ठगी का शिकार बनाया था।

खुद को IRDAI अधिकारी बताकर फंसाया

आरोपी ने पीड़ित से संपर्क करते समय खुद को IRDAI, NPCI और बीमा लोकपाल के अधिकारी के रूप में प्रस्तुत किया। पीड़ित ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ज्योर्तिमठ में शिकायत दर्ज कराई थी। अपनी शिकायत में पीड़ित ने बताया कि आर्थिक समस्याओं के कारण उन्होंने अपनी बीमा पॉलिसी बंद कर दी थी।

एक अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें फोन कर खुद को IRDA दिल्ली हेड ऑफिस का फाइल मैनेजर बताया और कहा कि उनके बीमा एजेंट ने उन्हें गुमराह किया है। उसने भरोसा दिलाया कि जांच में यह पता चला है कि उनकी बंद पड़ी पॉलिसी की राशि वापस की जानी चाहिए। आरोपी ने औपचारिकताओं के नाम पर अलग-अलग बैंक खातों में रकम जमा करने को कहा।

24 लाख रुपए जमा कराने के बाद ठगी का एहसास

आरोपी के झांसे में आकर पीड़ित ने बताए गए विभिन्न बैंक खातों में करीब 24 लाख रुपए जमा करा दिए। बाद में जब उन्हें ठगी का एहसास हुआ, तो उन्होंने स्थानीय थाने में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।

एसटीएफ की कार्रवाई

मामले की जांच के दौरान एसटीएफ ने तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आरोपी के दिल्ली, नोएडा और उत्तर प्रदेश से जुड़े होने की जानकारी जुटाई। इसके बाद एसटीएफ ने दिल्ली से आरोपी मनोज जायसवाल को गिरफ्तार किया।

गिरोह का तरीका

एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया कि आरोपी और उसके साथियों ने कॉल सेंटर में काम करने वाले व्यक्तियों की मदद से ऐसे लोगों का डेटा इकट्ठा किया, जिन्होंने बीच में ही अपनी बीमा पॉलिसी बंद कर दी थी। इसके बाद उन्होंने इन व्यक्तियों से संपर्क कर खुद को सरकारी अधिकारी बताकर झूठे वादे किए और औपचारिकताओं के नाम पर उनसे मोटी रकम वसूल ली।

एसटीएफ अब आरोपी के अन्य साथियों का पता लगाने में जुटी है। मामले की विस्तृत जांच जारी है।

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