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मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने आयुष्मान भारत योजना के तहत फर्जी कार्ड बनाकर मुफ्त इलाज का लाभ उठाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान कार्ड केवल राज्य के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) और राज्य खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एसएफएसए) के अंतर्गत आने वाले राशन कार्डधारक लाभार्थियों को जारी किए जाते हैं।

मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि भर्ती मरीजों के आयुष्मान कार्ड पर दर्ज पते का सत्यापन उनके मूल आधार कार्ड और राशन कार्ड से किया जाएगा। इस प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए शीघ्र ही राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से सूचीबद्ध अस्पतालों को दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि राशन कार्ड बनाने के लिए आधार का उपयोग केवल केवाईसी (KYC) प्रक्रिया के लिए किया जाता है और राज्य सरकार के पास आधार डाटा तक सीधी पहुंच नहीं होती। फर्जी कार्डों की जांच के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की मदद से पहले से जारी कार्डों का विश्लेषण और सत्यापन किया जा रहा है।

फर्जीवाड़े की रोकथाम के लिए कड़े निर्देश
राज्य सरकार ने अस्पतालों को एडवाइजरी जारी करते हुए भर्ती के दौरान मरीजों के आधार कार्ड पर अंकित पते की प्रामाणिकता जांचने और मूल आधार व राशन कार्ड की मांग करने का निर्देश दिया है। पिछले एक-दो वर्षों में बने राशन कार्डों, खासकर ऐसे कार्ड जिनमें केवल एक सदस्य है, का सत्यापन करने के लिए खाद्य विभाग को भी आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।

बाहरी राज्यों से आने वाले लाभार्थियों के मामलों में सतर्कता बढ़ाने के लिए सूचीबद्ध अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि वे मूल दस्तावेजों की जांच सुनिश्चित करें। इसके अलावा, जन सेवा केंद्रों को भी सख्त हिदायत दी गई है कि वे किसी भी प्रकार के फर्जीवाड़े में शामिल न हों।

फर्जी कार्ड बनाने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई
मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार आयुष्मान योजना के तहत किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं करेगी। फर्जी कार्ड बनाने या उनका उपयोग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकार की यह पहल सुनिश्चित करेगी कि इस योजना का लाभ केवल योग्य और वास्तविक लाभार्थियों को ही मिले।

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