चारधाम यात्रा के सुगम और सुरक्षित बनाए जाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसके अंतर्गत, बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में निर्माणाधीन अस्पतालों को यात्रा से पहले ही सशक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है।इस पहल के अंतर्गत, यात्रीगण को शानदार स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए बदरीनाथ और केदारनाथ धामों में निर्मित अस्पतालों की शुरुआत की जाएगी। यह एक महत्वपूर्ण कदम है ताकि किसी भी स्वास्थ्य आपत्ति का समाधान त्वरित रूप से किया जा सके और यात्रीगण हर समय सुरक्षित रहें।इसके अलावा, सरकार ने अस्पतालों में चिकित्सा उपकरणों की नई आपूर्ति के लिए शार्ट टर्म टेंडर की घोषणा की है। इससे नए और उन्नत चिकित्सा साधनों का प्राप्त होना सुनिश्चित होगा, जिससे यात्रा के दौरान किसी भी आपत्ति का समाधान तेजी से हो सकेगा।सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया, चारधाम यात्रा मार्ग पर अनुभवी और उच्च हिमालय में काम करने के लिए प्रशिक्षित मेडिकल टीम को तैनात किया जा रहा है। जिससे तीर्थयात्रियों को तुरंत स्वास्थ्य सेवाएं मिल सके। उन्होंने तीर्थयात्रियों से अपील की कि वह चारधाम यात्रा से पहले अपने स्वास्थ्य का परीक्षण जरूर करा लें।सचिव ने कहा, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के निर्देशानुसार विभाग चारधाम यात्रा की तैयारियों में जुट गया है।
चारधाम यात्रा को लेकर मुख्यसचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई थी। मुख्य सचिव के निर्देश पर यात्रा को लेकर सभी तैयारियां तेजी से चल रही हैं। सभी विभागों से समन्वय किया जा रहा है। सभी एक टीम के रूप में कार्य करेंगे।लगभग 150 लोगों की मेडिकल टीम की तैनाती उन्होने कहा कि , इस बार चारधाम तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए लगभग 150 लोगों की मेडिकल टीम की तैनाती की जाएगी। इस टीम को हाई एल्टीट्यूड में काम करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। डाक्टरों की तैनाती 15-15 दिनों के लिए की जाएगी। स्वास्थ्य सचिव के मुताबिक, इस बार रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी जिले में तैनात डाक्टरों को चारधाम में तैनात नहीं किया जाएगा।बताया, इसकी बजाए कुमाऊं और अन्य जिलों से डाक्टर और मेडिकल स्टाफ की तैनाती की जाएगी। बदरीनाथ और केदारनाथ के अस्पताल में उपकरण यात्रा से पहले उपलब्ध हो जाएंगे। इसके लिए टेंडर जारी होंगे।तीर्थयात्रियों की हेल्थ स्क्रीनिंग पर रहेगा खास फ़ोकसतीर्थयात्रियों की हेल्थ स्क्रीनिंग पर विशेष फोकस रखने का निर्णय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा एक महत्वपूर्ण कदम है। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि चारधाम यात्रा के दौरान मार्ग पर तीर्थयात्रियों के लिए स्वास्थ्य जांच का प्रबंध किया जा रहा है, और इस बार शुरुआती चरण से तीर्थयात्रियों की स्क्रीनिंग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।यह स्वास्थ्य परीक्षण मार्ग पर हेल्थ प्वाइंट पर मरीजों के स्वास्थ्य की गहन जांच करने का एक अद्वितीय तरीका होगा। यात्रीगण को ध्यानपूर्वक जांचा जाएगा और उनका स्वास्थ्य रिकार्ड रखा जाएगा, ताकि किसी भी आपत्ति के समय उचित चिकित्सा सेवा प्रदान की जा सके। अगर किसी यात्री को कहीं भी कोई असुविधा होती है, तो उसे तत्काल जांच करने की सुविधा मिलेगी।11 भाषाओं में जारी होगी एसओपीस्वास्थ्य सचिव ने बताया कि चारधाम यात्रा में विदेशों के साथ ही देश के तमाम राज्यों से श्रद्धालु आते हैं, लेकिन कई बार देखने को मिलता है कि लोकल भाषा में स्वास्थ्य गाइडलाइन न होने के कारण श्रद्धालुओं को गाइडलाइन समझने में कठिनाई होती है।
इस पर ध्यान देते हुए, स्वास्थ्य विभाग ने पिछले साल हिंदी-अंग्रेजी के अलावा नौ अन्य भाषाओं में एसओपी जारी की थी, जिससे श्रद्धालुओं को अपने स्वास्थ्य की देखभाल के लिए सही जानकारी मिल सके। इस बार भी इस पहल को और भी सशक्त बनाने के लिए 11 भाषाओं में एसओपी जारी की जाएगी, जिसमें बंगाली, गुजराती, तमिल, तेलगु, मलयालम, कन्नड़, पंजाबी, मराठी, और उड़िया भाषा शामिल हैं। इससे तीर्थयात्रीगण को अपनी भाषा में स्वास्थ्य से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी और उन्हें सुरक्षित रूप से यात्रा का आनंद लेने में मदद मिलेगी।इस कदम से न केवल यात्रा को सुरक्षित बनाए रखा जा रहा है, बल्कि इससे स्थानीय लोगों को भी नौकरी का एक नया स्रोत प्राप्त होगा। यह स्थानीय विकास को बढ़ावा देने वाला एक सकारात्मक पहल है जो स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में नए अवसरों की राह खोल सकता है।इस प्रयास के माध्यम से, सरकार ने यात्रा स्थलों पर यात्रीगण के स्वास्थ्य और सुरक्षा को पहले से भी बेहतर बनाने का संकल्प दिखाया है और इससे चारधाम यात्रा का मानचित्र एक नए स्वरूप में परिवर्तित हो सकता है।