रेस्क्यू ऑपरेशन का दूसरा दिन जारी
उत्तराखंड के चमोली जिले में 28 फरवरी को हुए हिमस्खलन के बाद बचाव अभियान लगातार जारी है। रविवार को भी सेना, वायुसेना और अन्य एजेंसियों के जवान लापता लोगों की तलाश में जुटे हुए हैं। अब तक 50 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, जबकि चार लोगों की अभी भी तलाश जारी है।
सेना और वायुसेना के हेलीकॉप्टर अभियान में शामिल
बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए सेना के सात हेलीकॉप्टर और एक निजी कंपनी का हेलीकॉप्टर लगाए गए हैं। भारतीय वायुसेना का Mi-17 हेलीकॉप्टर भी विशेष ड्रोन-आधारित इंटेलिजेंट बरीड ऑब्जेक्ट डिटेक्शन सिस्टम को एयरलिफ्ट करने के लिए तैयार किया गया है।
थर्मल इमेजिंग और लोकेटिंग कैमरों से खोज अभियान तेज
एसडीआरएफ की एक विशेष टीम पीड़ित लोकेटिंग कैमरा (VLC) और थर्मल इमेज कैमरा लेकर घटनास्थल पर रवाना हुई है। ये अत्याधुनिक उपकरण बर्फ के नीचे दबे लोगों का पता लगाने में मदद करेंगे।
10 घायल कर्मियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया
घायलों को प्राथमिक उपचार के लिए जोशीमठ लाया गया, जहां उनका आर्मी अस्पताल में इलाज चल रहा है। गंभीर रूप से घायल एक कर्मी को एयर एंबुलेंस के जरिए एम्स ऋषिकेश भेजा गया है।
मुख्यमंत्री ने लिया स्थिति का जायजा
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को देहरादून स्थित आपदा नियंत्रण कक्ष पहुंचकर बचाव कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अभियान में किसी भी संसाधन की कमी न होने दी जाए।
सरकार ने जारी की विस्तृत रिपोर्ट
शनिवार को उत्तराखंड सरकार ने इस घटना की विस्तृत रिपोर्ट जारी की। जिला प्रशासन के अनुसार, प्रारंभिक आंकड़ों में 55 लोग लापता बताए गए थे, लेकिन बाद में पता चला कि एक कर्मचारी अनधिकृत छुट्टी पर था और घर लौट चुका था। अब कुल 54 कर्मी लापता थे, जिनमें से 50 को बचा लिया गया है और चार की मृत्यु हो चुकी है।
हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट किए गए कर्मी
बचाए गए कर्मियों को हेलीकॉप्टर के जरिए सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। सेना, आईटीबीपी, बीआरओ, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और अग्निशमन सेवाओं सहित करीब 200 से अधिक कर्मी राहत एवं बचाव कार्यों में लगे हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने किया हवाई सर्वेक्षण
मुख्यमंत्री धामी ने शनिवार को हिमस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया और आर्मी अस्पताल में भर्ती श्रमिकों से मुलाकात की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राहत कार्य में कोई देरी न हो और केंद्र सरकार से समन्वय बनाकर हर संभव सहायता सुनिश्चित की जाए।
बद्रीनाथ में बर्फबारी से बढ़ी मुश्किलें
बद्रीनाथ और उसके आसपास 6-7 फीट तक बर्फ जम चुकी है, जिससे बचाव कार्य प्रभावित हो रहा है। कई स्थानों पर सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं, जिन्हें खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं।
सेना के उच्च अधिकारियों ने आपातकालीन केंद्र का दौरा किया
1 मार्च को सुबह 10 बजे उत्तराखंड सब एरिया के जीओसी मेजर जनरल प्रेम राज और ब्रिगेडियर हरीश सेठी ने राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (SEOC) का दौरा किया। उन्होंने सैन्य नेतृत्व में चल रहे बचाव कार्यों का जायजा लिया और राहत अभियान को पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन दिया।
आपातकालीन हेलीपैड तैयार
माणा बेस कैंप के पास सेना का हेलीपैड आपातकालीन कार्यों के लिए तैयार किया गया है, जिससे राहत और बचाव कार्यों में तेजी आएगी।
निष्कर्ष
चमोली में हुए इस हिमस्खलन के बाद बचाव दल लगातार युद्ध स्तर पर राहत कार्य में जुटा हुआ है। सेना, वायुसेना और अन्य एजेंसियों का संयुक्त प्रयास लापता लोगों को जल्द से जल्द खोजने और उन्हें सुरक्षित निकालने की दिशा में जारी है।