उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में भारी बर्फबारी और हिमस्खलन के चलते हालात गंभीर होते जा रहे हैं। प्रशासन ने उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में हिमस्खलन को लेकर अलर्ट जारी किया है। चमोली जिले में सबसे अधिक खतरा बताया जा रहा है। हाल ही में माणा क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने से भीषण हिमस्खलन हुआ, जिससे बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) के कैंप को नुकसान पहुंचा है।

बर्फबारी से कर्फ्यू जैसी स्थिति, कई मार्ग अवरुद्ध

लगातार हो रही बर्फबारी से उत्तराखंड के कई इलाकों में कर्फ्यू जैसी स्थिति बन गई है। सड़कों पर मोटी बर्फ की चादर बिछ गई है, जिससे आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई है। खासतौर पर गोपेश्वर, बद्रीनाथ, जोशीमठ, औली, मलारी और चोपता हाईवे बर्फ के कारण बाधित हैं।

गंगोत्री हाईवे भी डबरानी क्षेत्र में हिमस्खलन की वजह से बंद हो गया है। यहां गिर रहे पत्थरों के चलते प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।

रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, सेना और ITBP जुटी

मौसम में मामूली सुधार के बाद राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए गए हैं। भारतीय सेना और आईटीबीपी के जवान माणा हिमस्खलन स्थल पर लापता मजदूरों की तलाश में जुटे हुए हैं। अब तक 47 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, जबकि 8 मजदूर अभी भी लापता हैं। इनमें से एक गंभीर रूप से घायल मजदूर को सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

सीएम धामी ने राहत कार्यों की समीक्षा की, चमोली के लिए हुए रवाना

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फोन के माध्यम से माणा के पास हिमस्खलन में फंसे लोगों के बचाव कार्य की जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को घायलों को एयरलिफ्ट कर उच्च चिकित्सा केंद्र भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वह खुद चमोली जाकर हालात का जायजा लेंगे और राहत कार्यों को और तेज किया जाएगा।

40 से अधिक गांव बर्फ में दबे, बिजली आपूर्ति ठप

गोपेश्वर के आसपास 40 से अधिक गांवों में भारी बर्फबारी के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ है। औली, बद्रीनाथ, जोशीमठ और मलारी क्षेत्र में बिजली आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई है।

गंगा और यमुना घाटी में 24 से अधिक गांव पूरी तरह बर्फ से ढक गए हैं, जबकि 48 गांवों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई है। यमुनोत्री धाम में तीन फीट बर्फ और गंगोत्री धाम में चार फीट तक बर्फ जमा हो चुकी है।

देवप्रयाग में पत्थरों के गिरने से हाईवे बाधित, वाहनों का रूट डायवर्ट

लगातार हो रही बारिश और बर्फबारी से बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी यातायात बाधित हो गया है। देवप्रयाग में पहाड़ी से पत्थर गिरने के कारण मुनिकीरेती से श्रीनगर जाने वाले वाहनों को चंबा के रास्ते डायवर्ट किया गया

एम्स ऋषिकेश अलर्ट पर, हेली एंबुलेंस तैयार

चमोली में हुए हिमस्खलन को देखते हुए एम्स ऋषिकेश ने भी प्रशासन को अलर्ट कर दिया है। ट्रॉमा सेंटर में विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम तैनात कर दी गई है, साथ ही हेली एंबुलेंस और एयर स्टाफ को 24 घंटे तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।

आने वाले दिनों में भी मौसम खराब रहने की आशंका

मौसम विभाग के अनुसार, उत्तराखंड के उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी, चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, नैनीताल और चंपावत में बारिश और बर्फबारी जारी रहने की संभावना है। 2500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बर्फबारी हो सकती है।

सरकार और प्रशासन हाई अलर्ट पर

उत्तराखंड सरकार और प्रशासन हालात पर पैनी नजर बनाए हुए हैं। राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाई जा रही है। अधिकारियों ने जनता से जरूरी होने पर ही यात्रा करने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है।

स्थिति गंभीर बनी हुई है, लेकिन राहत कार्य लगातार जारी हैं। सेना, आईटीबीपी और स्थानीय प्रशासन की मदद से जल्द ही सभी प्रभावित लोगों को सुरक्षित निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं।

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