उत्तराखंड के ऋषिकेश में पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो यात्रियों को लिफ्ट देने के बहाने ठगी करता था। यह गिरोह भोले-भाले यात्रियों को लिफ्ट देने का झांसा देकर उनके पैसे और कीमती सामान लूट लेता था। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से ठगा गया सामान, नकदी और घटना में इस्तेमाल किया गया वाहन बरामद किया है।
दो लोगों ने की थी शिकायत
ऋषिकेश कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक राजेंद्र सिंह खालिया ने बताया कि 12 सितंबर को दो व्यक्तियों ने लूटपाट की शिकायत दर्ज कराई थी। पहली शिकायत उत्तरकाशी जिले के चिन्यालीसौड़ तहसील निवासी खिलानन्द नौटियाल की थी। उन्होंने बताया कि वह ऋषिकेश बस अड्डे पर सुबह उत्तरकाशी जाने वाली बस का इंतजार कर रहे थे, तभी एक बुजुर्ग ने उन्हें अपनी कार में लिफ्ट देने का प्रस्ताव दिया। कार में तीन अन्य लोग पहले से मौजूद थे। इन लोगों ने रास्ते में खिलानन्द से आधार कार्ड मांगा और 18,000 रुपये लेकर एक लिफाफे में रखवा दिए। इसके बाद भद्रकाली पहुंचने पर उन्हें खाली लिफाफा थमा कर कार से उतार दिया गया।
दूसरी घटना में भी हुई ठगी
दूसरी शिकायत गढ़वाल निवासी चैतूराम ने दी। चैतूराम अपनी पत्नी के साथ कीर्तिनगर जाने के लिए ऋषिकेश बस अड्डे पर वाहन का इंतजार कर रहे थे। तभी एक स्विफ्ट कार उनके पास आकर रुकी और उन्हें श्रीनगर तक छोड़ने का आश्वासन दिया। कार में पहले से दो अन्य लोग सवार थे। रास्ते में उन लोगों ने चैतूराम से 43,000 रुपये और उनकी पत्नी के गले की तिमणी माला लूट ली। कुछ दूरी पर उन्हें कार से उतार दिया गया।#
पुलिस ने आरोपियों को ऐसे पकड़ा
इन घटनाओं की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने आरोपियों की तलाश के लिए टीमें गठित की। जांच के दौरान पुलिस ने 120 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले और शनिवार को खांडगांव अंडरपास के पास से तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अब्दुल मलिक उर्फ अरमान, जगत सिंह बिष्ट, और मोहम्मद कासिफ के रूप में हुई है। इन तीनों के पास से ठगी के 34,000 रुपये और सोने के गहने बरामद किए गए हैं।
अंतरराज्यीय ठग गिरोह
पुलिस जांच में पता चला है कि ये आरोपी अंतरराज्यीय ठग गिरोह का हिस्सा हैं और उत्तराखंड के अलावा अन्य राज्यों में भी उनकी आपराधिक गतिविधियों का इतिहास है। पुलिस अब इनकी अन्य ठगी की घटनाओं और संबंधित राज्यों से जानकारी जुटा रही है।