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देहरादून। उत्तराखंड बजट सत्र के चैथे दिन विधानसभा सदन में कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत से जुड़े विभाग संबंधित सवाल जवाब किए गए। सदन में सत्ता पक्ष के साथ ही विपक्ष के विधायकों ने शिक्षा एवं स्वास्थ्य को लेकर तमाम सवाल कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत से किए। मंत्री रावत से स्कूलों में आउटसोर्सिंग के माध्यम से रखे गए बीआरसी और सीआरसी शिक्षकों से जुड़े भी सवाल किए गए।
हरिद्वार जिले की भगवानपुर विधानसभा से विधायक ममता राकेश ने विद्यालयी शिक्षा यानी बेसिक स्कूलों में सीआरसी (क्लस्टर रिसोर्स सेंटर) और बीआरसी (ब्लॉक रिसोर्स सेंटर) के पदों पर नियुक्ति में आरक्षण को लेकर सवाल पूछा। भर्ती में वरिष्ठता के आधार पर अभ्यर्थियों को दी जाने वाली वरीयता को लेकर के भी सवाल पूछे गए। इसी कड़ी में आगे उप-नेता प्रतिपक्ष भुवन चंद्र कापड़ी ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों और कार्यालय में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को लेकर सवाल पूछा तो इन्हीं सवालों के अतारांकित प्रश्नों में सत्ता पक्ष के ही विधायक विनोद चमोली ने सरकार की नीति पर बड़े सवाल किए।

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भाजपा के धर्मपुर विधानसभा से विधायक विनोद चमोली ने सरकार से सवाल किया कि जिस तरह से आउटसोर्सिंग के माध्यम से या फिर अन्य माध्यमों से ग्रुप डी और ग्रुप सी के लिए पदों पर नियुक्ति की जाती है। उसमें छोटे स्तर पर नियुक्तियों की सुविधा अभ्यर्थियों को मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्रुप डी के पदों पर ब्लॉक स्तर पर आवेदन करने और समूह सी के पदों पर जिला स्तर पर आवेदन करने की नीति सरकार को लानी चाहिए।
उन्होंने वर्तमान में चल रही व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि आज अभ्यर्थी अपनी पूरी मेहनत से विभिन्न पदों के लिए आवेदन करते हैं। नियुक्ति होने के बाद हर कोई मैदानी इलाकों के लिए जद्दोजहद में लग जाता है। उन्होंने कहा कि आज शिक्षा या स्वास्थ्य हर क्षेत्र में कोई भी पहाड़ नहीं चढ़ना चाहता है। इसके लिए सरकार इस तरह की व्यवस्था बनाए जिससे पहाड़ों से कर्मचारी भेदभाव ना करें और पहाड़ों पर अपनी सेवाएं दें। उन्होंने सरकार को सुझाव दिया कि पहाड़ों पर कर्मचारी और अधिकारी पूरी सेवाएं दें, इसके लिए हमें नीतिगत फैसलों में बदलाव करने होंगे।

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