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हल्द्वानी, उत्तराखंड— पुलिस द्वारा सत्यापन अभियान के दौरान एक बांग्लादेशी दंपत्ति को गिरफ्तार किया गया है, जो अपनी बेटी के कैंसर के इलाज के लिए भारत आए थे। यह दंपत्ति मेडिकल वीजा पर सितंबर 2023 में भारत आया था, लेकिन वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी यह यहां रह रहे थे। जुलाई 2024 में हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में उपचार के दौरान उनकी बेटी की मौत हो गई थी, जिसके बाद दंपत्ति ने हल्द्वानी में सब्जी का ठेला लगाकर जीवन यापन शुरू कर दिया। पुलिस ने इन पर वीजा नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में मामला दर्ज किया है।

पुलिस की छानबीन और गिरफ्तारी

पुलिस द्वारा चलाए गए सत्यापन अभियान के दौरान तीन अक्टूबर को मंडी चौकी इंचार्ज भुवन सिंह राणा और उनकी टीम गौजाजाली बिचली क्षेत्र में पहुंचे। वहां उन्होंने एक घर में संदिग्ध दंपत्ति को पाया, जो मुन्नालाल नामक व्यक्ति के रिश्तेदार के रूप में रह रहे थे। पूछताछ के दौरान दंपत्ति ने अपना नाम नारायण विश्वास और गौरी विश्वास बताया, जो बांग्लादेश के सिरधौरपुर जसौर के निवासी हैं।

मेडिकल वीजा पर भारत आगमन और बेटी की मौत

जांच के अनुसार, दंपत्ति अपनी बेटी काकोली के गले के कैंसर का इलाज कराने के लिए 10 सितंबर 2023 को मेडिकल वीजा पर भारत आए थे। उन्हें यह वीजा तमिलनाडु स्थित क्रिश्वन मेडिकल कॉलेज के लिए मिला था, जहां उनकी बेटी की जांच और उपचार हुआ। हालांकि, जुलाई 2024 में काकोली की मृत्यु हो गई। इसके बावजूद, दंपत्ति वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी भारत में रह रहे थे।

स्थानीय जीवन और गिरफ्तारी

बेटी की मृत्यु के बाद आर्थिक संकट का सामना कर रहे नारायण और गौरी हल्द्वानी में सब्जी का ठेला लगाकर जीवन यापन करने लगे। पुलिस की जांच में पता चला कि इनका वीजा 28 फरवरी 2024 को समाप्त हो चुका था। पुलिस ने उन्हें वीजा उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है।

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