अल्मोड़ा जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। लगातार हो रही बारिश के चलते प्राथमिक विद्यालय रेत का जर्जर भवन शनिवार को भरभराकर गिर गया। गनीमत रही कि हादसे के वक्त पास के दूसरे कमरे में पढ़ाई कर रहे आठ बच्चे और शिक्षक सुरक्षित बच गए। हालांकि, इस घटना के बाद स्थानीय अभिभावकों में गहरा आक्रोश है। उन्होंने शासन-प्रशासन पर ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों की उपेक्षा का आरोप लगाया है।
जर्जर भवन ने दी थी चेतावनी, विभागीय लापरवाही पर सवाल
शनिवार सुबह नौ बजे विद्यालय में रोज की तरह पढ़ाई शुरू हुई। करीब 11 बजे अचानक बारिश के बीच विद्यालय का एक हिस्सा गिर गया। घटना के समय दूसरे कमरे में मौजूद शिक्षक और बच्चे तुरंत बाहर निकल आए। कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई, लेकिन यह घटना विभागीय लापरवाही को उजागर करती है।
अभिभावक संघ के अध्यक्ष प्रकाश सिंह और सामाजिक कार्यकर्ता गोपाल सिंह राणा ने कहा कि यह हादसा प्रशासन की अनदेखी का परिणाम है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही स्कूल का पुनर्निर्माण नहीं हुआ, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
अल्मोड़ा जिले में 41 जर्जर विद्यालय भवन, बड़ा खतरा बरकरार
जिले में 41 विद्यालय भवन जर्जर स्थिति में हैं, जिनमें 34 प्राथमिक और 7 माध्यमिक विद्यालय शामिल हैं। बारिश के मौसम में ये भवन गंभीर खतरे का कारण बन सकते हैं। इन भवनों के पुनर्निर्माण के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है, लेकिन धनराशि अब तक स्वीकृत नहीं हुई है।
हल्द्वानी-अल्मोड़ा हाईवे पर भूस्खलन, पर्यटन उद्योग पर संकट
हल्द्वानी-अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग पर क्वारब क्षेत्र में हो रहे भूस्खलन ने स्थानीय प्रशासन और एनएच प्राधिकरण के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। पहाड़ी लगातार खिसक रही है, जिससे यातायात बार-बार बाधित हो रहा है। बीते पांच दिनों से भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक है, और शुक्रवार से छोटे वाहन भी इस मार्ग से नहीं गुजर पा रहे हैं।
पर्यटन उद्योग पर गहरा असर
सड़क बंद होने से अल्मोड़ा के पर्यटन उद्योग पर सीधा प्रभाव पड़ा है। पर्यटकों को वैकल्पिक मार्गों से यात्रा करनी पड़ रही है, जिससे उनकी संख्या में भारी गिरावट आई है। वीकेंड और नववर्ष के अवसर पर भी पर्यटकों की संख्या में कमी देखी जा रही है।
व्यापारियों का कहना है कि खराब सड़कें और यातायात बाधित होने से जिले के पर्यटन स्थलों, खासकर जागेश्वर और अन्य धार्मिक स्थलों पर पर्यटकों का पहुंचना मुश्किल हो गया है।
स्थायी समाधान की मांग
स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने क्वारब में हो रहे भूस्खलन के स्थायी समाधान की मांग की है। प्रशासन का कहना है कि पहाड़ी के स्थायी ट्रीटमेंट के लिए योजना बनाई जा रही है, लेकिन काम में देरी से स्थिति और बिगड़ रही है।
निष्कर्ष:
अल्मोड़ा जिले में बारिश और भूस्खलन से जहां ग्रामीण विद्यालयों की स्थिति चिंताजनक है, वहीं खराब सड़कें पर्यटन उद्योग के लिए संकट बन रही हैं। प्रशासन को इन समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द करना होगा।
यह भी पढें- Uttarakhand:नगर निकाय चुनाव: कांग्रेस ने प्रत्याशियों की दूसरी सूची की घोषणा, जाने प्रत्याशियों के नाम