Demo

हरिद्वार में अखिलेश यादव का निजी दौरा
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर हरिद्वार में गंगा स्नान किया। यह दौरा उनका व्यक्तिगत था, जिसमें उन्होंने अपने दिवंगत चाचा राजपाल सिंह यादव के अस्थि विसर्जन के लिए हरिद्वार का रुख किया। इस दौरे की जानकारी पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ताओं को नहीं दी गई थी।

देर रात अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर हरिद्वार दौरे की तस्वीरें साझा कीं। तस्वीरों में वे वीआईपी घाट पर गंगा में डुबकी लगाते हुए नजर आए। पोस्ट में उन्होंने लिखा, “मकर संक्रांति के पावन पर्व पर मां गंगा का आशीर्वाद लिया।”

पिछले दौरे की यादें भी जुड़ीं
यह पहली बार नहीं है जब अखिलेश यादव ने गंगा स्नान के लिए हरिद्वार का दौरा किया हो। इससे पहले, अपने पिता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद भी वे परिवार सहित गंगा स्नान के लिए उत्तराखंड आए थे।


लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई पुण्य की डुबकी

मकर संक्रांति के अवसर पर हरिद्वार के हरकी पैड़ी, ब्रह्मकुंड और अन्य घाटों पर लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया। स्नान का सिलसिला सुबह से शुरू होकर देर शाम तक चलता रहा। श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मियों और श्री गंगा सभा के सेवादारों की व्यापक तैनाती की गई थी।

नोडल अधिकारी एसपी सिटी पंकज गैरोला के अनुसार, इस पावन पर्व पर करीब 3.5 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया।


पार्किंग और यातायात में भारी दबाव

मकर संक्रांति पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा और पंजाब समेत अन्य राज्यों से श्रद्धालु बड़ी संख्या में हरिद्वार पहुंचे। इस कारण रेलवे स्टेशन, बस अड्डों और पार्किंग स्थलों पर भीड़ का माहौल रहा।

रोडवेज प्रबंधन ने बताया कि दिल्ली, रुड़की, सहारनपुर और देहरादून जैसे प्रमुख रूटों पर यात्रियों का खासा दबाव देखने को मिला। वहीं, हाईवे पर यातायात सुचारू रखने के लिए पुलिसकर्मी दिनभर जुटे रहे।


मेला क्षेत्र में सुरक्षा के कड़े इंतजाम

सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए मेला क्षेत्र को आठ जोन और 21 सेक्टरों में बांटा गया था। शिवमूर्ति चौक से हरकी पैड़ी तक जीरो जोन घोषित किया गया था, जहां भारी वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद रही।

नोडल अधिकारी एसपी सिटी पंकज गैरोला ने सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से पूरे क्षेत्र की निगरानी की। इस दौरान पुलिस और प्रशासन ने यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

यह भी पढें- उत्तराखंड सरकार के सामने राजस्व जुटाने की चुनौती: नए वित्तीय वर्ष में 3500 करोड़ रुपये अतिरिक्त की दरकार

Share.
Leave A Reply