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अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में बच्चों की गंभीर बीमारियों के उपचार के लिए एक नई पहल की शुरुआत हुई है। यहां पर “सेंटर फॉर एडवांस पीडियाट्रिक वार्ड” का निर्माण पूरी तरह से हो चुका है और इसका संचालन शुरू कर दिया गया है। यह सेंटर बच्चों के इलाज के लिए एक समर्पित और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस वार्ड के रूप में तैयार किया गया है, जहां नवजात शिशुओं से लेकर 18 वर्ष तक के बच्चों का इलाज किया जाएगा।

इस वार्ड में बच्चों के लिए विशेष रूप से निक्कू, पिक्कू, पीडियाट्रिक सर्जरी, पीडियाट्रिक कार्डियो वेस्कुलर सर्जरी, पीडियाट्रिक ऑर्थोपेडिक सर्जरी सहित कई अन्य अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसके अलावा, यहां आईसीयू बेड के साथ-साथ सामान्य बेड भी प्रदान किए गए हैं, ताकि बच्चों को उचित इलाज मिल सके।

इस पहल की शुरुआत एम्स ऋषिकेश की निदेशक प्रो. मीनू सिंह की देखरेख में हुई है, जिनकी पिछली सेवा पीजीआई चंडीगढ़ के पीडियाट्रिक पल्मोनरी विभाग में रही है। उन्होंने चंडीगढ़ के पीजीआई में बच्चों के इलाज के लिए जो एडवांस सेंटर स्थापित किया था, उसी तर्ज पर एम्स ऋषिकेश में भी इस सेंटर का निर्माण करवाया है।

पहले बच्चों से संबंधित विभिन्न बीमारियों का इलाज अलग-अलग विभागों में किया जाता था, लेकिन अब इन सभी बीमारियों का उपचार एक ही स्थान पर, सेंटर फॉर एडवांस पीडियाट्रिक वार्ड में किया जाएगा। इससे मरीजों को सुविधा होगी और इलाज में किसी प्रकार की कोई रुकावट नहीं आएगी।

दिलचस्प बात यह है कि प्रो. मीनू सिंह केवल एम्स ऋषिकेश की निदेशक नहीं हैं, बल्कि उनके पास एम्स भटिंडा (पंजाब) और एम्स रेवाड़ी (हरियाणा) की जिम्मेदारी भी है। उनके मार्गदर्शन में यह सेंटर बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

इस सेंटर का विधिवत संचालन जल्द ही शुरू होने जा रहा है, जिससे क्षेत्र में बच्चों के इलाज के लिए एक नई उम्मीद जगेगी।

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