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केदारनाथ धाम में बीते बुधवार को हुई भारी बारिश और बादल फटने के कारण थारू कैंप के पास एक हादसा हुआ। इस दौरान, चमोली के एक दुकानदार गिरीश चमोली मलबे और बोल्डरों के नीचे दब गए। बावजूद इसके, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और मदद के लिए चिल्लाते रहे। एसडीआरएफ के जवान देवदूत बनकर वहां पहुंचे और नौ घंटे की कठिन मेहनत के बाद गिरीश को सुरक्षित बाहर निकालने में सफल रहे। चमोली जिले के घाट निवासी गिरीश, केदारनाथ धाम में अपनी दुकान चलाकर जीवन यापन कर रहे थे। हादसे के दौरान, भारी बारिश के बाद बादल फटने से वे बोल्डरों और मिट्टी में दब गए। इस मुश्किल घड़ी में गिरीश ने पूरी रात मलबे के नीचे दर्द सहते हुए बिताई, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।

शुक्रवार सुबह, एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू अभियान चलाया। गिरीश की कराहने की आवाज सुनकर जवानों ने बोल्डरों को तोड़ना शुरू किया और नौ घंटे की कड़ी मेहनत के बाद उन्हें बाहर निकालने में सफलता प्राप्त की। गिरीश ने बताया कि जब बादल फटा और तेज आवाज आई, तो वह अपने घोड़े को बचाने के लिए दौड़ रहे थे। इसी दौरान वे बोल्डरों के नीचे दब गए।

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एसडीआरएफ की टीम ने गिरीश का हौसला बनाए रखा और उन्हें सुरक्षित निकालने में मदद की। बाद में, एसडीआरएफ के कमांडेंट मणिकांत की देखरेख में गिरीश को हेलीकॉप्टर से अस्पताल पहुंचाया गया। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में एसआई प्रेगराम नरेश, धर्मेंद्र गोसाई, और होमगार्ड अमित शामिल थे।

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