हल्द्वानी से हुआ शुभारंभ
38वें राष्ट्रीय खेलों की मशाल रैली का शुभारंभ आज हल्द्वानी से हुआ। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस ऐतिहासिक आयोजन की शुरुआत की। यह मशाल रैली पूरे उत्तराखंड के 13 जिलों के 99 स्थानों को कवर करते हुए 35 दिनों में 3823 किलोमीटर की दूरी तय करेगी।
जागरूकता फैलाने का उद्देश्य
राष्ट्रीय खेलों के प्रति जनता में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से यह रैली उत्तराखंड के कोने-कोने में जाएगी। खेल मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि रैली के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए हर जिले में मशाल केंद्र बनाए गए हैं। सबसे ज्यादा मशाल केंद्र अल्मोड़ा और पौड़ी जिलों में हैं, जहां 14-14 केंद्र स्थापित किए गए हैं।
27 जनवरी को देहरादून में समापन
मशाल रैली का समापन 27 जनवरी को देहरादून में होगा। इसके अगले दिन से राष्ट्रीय खेलों का विधिवत शुभारंभ किया जाएगा। प्रत्येक जिले में मशाल रैली 2-3 दिन तक रुकेगी और लोगों को खेलों के महत्व के प्रति प्रेरित करेगी।
यातायात और रूट डायवर्जन योजना
हल्द्वानी में मशाल रैली के दौरान यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए विशेष रूट डायवर्जन योजना बनाई गई है। रैली के दौरान हल्द्वानी के प्रमुख मार्गों पर वाहनों की आवाजाही नियंत्रित की गई है।
मुख्य डायवर्जन प्लान
- सौरभ होटल तिराहा से नैनीताल बैंक तिराहा: इस क्षेत्र के सभी कट बंद रहेंगे।
- ओके होटल तिराहा से मिनी स्टेडियम रोड: वाहनों का प्रवेश पूरी तरह वर्जित रहेगा।
- गौलापार स्टेडियम के पास: भारी वाहनों को गौलापुल और कुंवरपुर तिराहे पर रोका जाएगा।
- तिकोनिया चौराहा से रोडवेज बसें: रैली के दौरान रोडवेज और केमू बसों को वैकल्पिक मार्गों से डायवर्ट किया जाएगा।
छोटे वाहनों का डायवर्जन
- पर्वतीय क्षेत्रों से रामपुर, बरेली, और किच्छा जाने वाले वाहन गौला बाइपास रोड से गुजरेंगे।
- कालाढूंगी रोड के वाहन पनचक्की तिराहा होते हुए लालडांठ तिराहा से गुजरेंगे।
- हल्द्वानी से काठगोदाम जाने वाले वाहन चंबल पुल होकर अपने गंतव्य तक पहुंचेंगे।
पार्किंग व्यवस्था
- वीवीआईपी, वीआईपी, और आयोजकों के वाहन मिनी स्टेडियम के पास पार्क किए जाएंगे।
- आम नागरिकों के वाहन सरस मार्केट और रामलीला मैदान में पार्क होंगे।
विशेष व्यवस्था
रैली के दौरान नगर निगम के पास टेंपो सेवाएं नहर कवरिंग रोड और बर्फ वाली गली से संचालित होंगी।
खेलों की ओर एक कदम
मशाल रैली उत्तराखंड में खेल भावना को प्रोत्साहित करने और राष्ट्रीय खेलों के प्रति उत्साह बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इसका समापन उत्तराखंड के खेल इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ेगा।