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आज सुबह उत्तरकाशी के मोरी क्षेत्र में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.0 मापी गई, और इसका केंद्र उत्तरकाशी-हिमाचल सीमा पर सिंगतुर वन क्षेत्र में स्थित था। भूकंप का समय सुबह 11:56:32 (IST) दर्ज किया गया। हालांकि, इस घटना में किसी प्रकार की जनहानि या संपत्ति को नुकसान होने की कोई सूचना नहीं है। जिला मुख्यालय और आसपास के सभी थाना क्षेत्रों में भी भूकंप के झटके महसूस नहीं किए गए।यह भूकंप हल्के झटकों के रूप में आया, लेकिन इसके पीछे छिपी चेतावनी को अनदेखा नहीं किया जा सकता।

देहरादून जैसे भूकंप-संवेदनशील क्षेत्रों के लिए यह खतरे की घंटी है। राजधानी देहरादून में भी 26 अगस्त को रात के समय हल्के भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, जो भले ही तीव्रता में कम थे, लेकिन उनके निहितार्थ गहरे थे। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि देहरादून में भूकंप रेखा के आस-पास हो रहे निर्माण कार्यों पर ध्यान देने की जरूरत है।

पिछले मास्टर प्लान में इन क्षेत्रों में निर्माण रोकने की बात कही गई थी, जिसे शासन द्वारा स्वीकृति भी मिली। बावजूद इसके, इन क्षेत्रों में गगनचुंबी इमारतों का निर्माण हो रहा है, जो भविष्य में बड़े खतरे का संकेत दे सकता है।

देहरादून के विभिन्न क्षेत्रों से मेन बाउंड्री थ्रस्ट फाल्ट लाइन और हिमालयन फ्रंट थ्रस्ट फाल्ट लाइन गुजरती हैं, जो इसे और अधिक संवेदनशील बनाती हैं।देहरादून में कुल 29 भूकंपीय फाल्ट लाइनों की मौजूदगी है, जो इस क्षेत्र को और अधिक जोखिमपूर्ण बनाती हैं। इन फाल्ट लाइनों के आसपास लगातार हो रहे निर्माण कार्य भविष्य में गंभीर परिणाम दे सकते हैं।

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