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देहरादून: उत्तराखंड सरकार के डेटा सेंटर पर हुए साइबर हमले के 15 दिन बाद भी राज्य पूरी तरह से उबर नहीं पाया है। इस हमले के चलते 102 महत्वपूर्ण सरकारी वेबसाइटों में से 32 अब भी बंद हैं, जिससे सरकारी विभागों और आम जनता को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इन साइटों में समाज कल्याण, स्वास्थ्य, लोक निर्माण विभाग, पर्यटन, सचिवालय, और सिडकुल जैसी महत्वपूर्ण वेबसाइटें शामिल हैं।साइबर हमले के बाद इन साइटों की स्कैनिंग और सुरक्षा का कार्य जारी है, ताकि इन्हें सुरक्षित रूप से पुनः चालू किया जा सके। अभी तक, हमले के स्रोत और हैकर्स की पहचान नहीं हो पाई है, हालांकि जांच एजेंसियां इस दिशा में तेजी से काम कर रही हैं।

एसआईटी और एसटीएफ द्वारा जांच जारी

साइबर हमले की गंभीरता को देखते हुए, राज्य सरकार ने स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) गठित की है। बावजूद इसके, अभी तक हमले के पीछे की मुख्य वजह और हैकर्स के ठिकाने का पता नहीं चल पाया है। जांच में यह पाया गया कि हमले के समय राज्य के क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) प्रोजेक्ट सहित कई अन्य सेवाएं भी बंद हो गई थीं।जब आइटीडीए (इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट एजेंसी) से संपर्क किया गया, तो उन्होंने बताया कि सर्वर पर हैकर्स के मैसेज (नोटपैड) हर फोल्डर में दिखाई दे रहे थे। हैकर्स ने फिरौती की मांग करते हुए संपर्क की जानकारी और भुगतान के बदले डेटा सुरक्षित करने का संदेश छोड़ा था। इस घटना पर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में जबरन वसूली और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया।

डेटा सुरक्षित करने के प्रयास

साइबर हमले के पांच दिन बाद ही, सुरक्षा टीमों ने डेटा सुरक्षित कर सरकारी कार्यों को फिर से शुरू किया। एसआईटी की निगरानी में जांच अब भी जारी है और एसटीएफ द्वारा हैकर्स का पता लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रारंभिक जांच में वायरस के स्रोत और तकनीकी कारणों की भी समीक्षा की जा रही है। सुरक्षा उपकरणों की वर्चुअल मशीन की कॉपी विश्लेषण के लिए भेजी जा चुकी है, ताकि भविष्य में ऐसे हमलों से बचाव के लिए उचित कदम उठाए जा सकें।

सुरक्षा व्यवस्था पर उच्चस्तरीय चर्चा

इस साइबर हमले के बाद राज्य की सुरक्षा को और मजबूत करने के उद्देश्य से इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के निदेशक तपन कुमार डेका और उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अभिनव कुमार के बीच महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में राज्य की सुरक्षा चुनौतियों और खुफिया एजेंसियों के बीच समन्वय बढ़ाने पर गहन चर्चा की गई। दोनों अधिकारियों ने राज्य की सुरक्षा को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए आपसी सहयोग को बढ़ाने का संकल्प लिया।इस अवसर पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, जिसमें अपर पुलिस महानिदेशक पीवीके प्रसाद, आइजी संजय गुंज्याल और अन्य प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे। बैठक के दौरान राज्य की आंतरिक सुरक्षा और भविष्य की चुनौतियों पर भी विचार-विमर्श हुआ, ताकि भविष्य में राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को उच्चतम स्तर पर बनाए रखा जा सके। #

निष्कर्ष

उत्तराखंड में हुए इस बड़े साइबर हमले ने राज्य की सुरक्षा प्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े कर दिए हैं। हालाँकि, राज्य सरकार और सुरक्षा एजेंसियां हमले के प्रभावों से निपटने में जुटी हैं, लेकिन 32 महत्वपूर्ण वेबसाइटों का बंद होना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।

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