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24 नवंबर को मिला था अज्ञात शव:
हरिद्वार के श्यामपुर थाना क्षेत्र में 24 नवंबर को रवासन नदी के किनारे एक अज्ञात व्यक्ति का शव मिला था। शव की हालत से स्पष्ट था कि हत्या कर शव को पहचान से मिटाने की कोशिश की गई थी। मृतक का चेहरा पत्थर से कुचल दिया गया था, जिससे उसकी पहचान करना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गई।

शिनाख्त के लिए हजारों मजदूरों और मोबाइल नंबरों की जांच:
हत्या का शिकार हुआ व्यक्ति कौन है, यह पता लगाने के लिए पुलिस ने कड़ी मेहनत की। करीब एक हजार मजदूरों और ठेकेदारों का भौतिक सत्यापन किया गया। साथ ही पुलिस टीमों को यूपी के बिजनौर, बरेली, नजीबाबाद और बलिया भेजा गया। मौके से मिले डंप डेटा में से 10,000 से अधिक मोबाइल नंबरों को फिल्टर किया गया, लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा।

सीसीटीवी फुटेज ने दी सफलता की दिशा:
शव मिलने वाली जगह से कुछ दूरी पर स्थित एक सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में हाईवे पर एक संदिग्ध बाइक नजर आई। पुलिस ने 500 से अधिक कैमरों की फुटेज खंगाली और संदिग्ध बाइक का पीछा किया। इसी आधार पर पुलिस को दो व्यक्तियों की जानकारी मिली, जो कोतवाली नगर क्षेत्र के एक होटल में देखे गए थे। दोनों की पहचान नीरज शुक्ला और नागेंद्र के रूप में हुई।

हत्या की साजिश का खुलासा:
शुक्रवार को नीरज शुक्ला को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई। नीरज ने बताया कि मृतक का नाम अभय शर्मा उर्फ हनी था। अभय दिल्ली का रहने वाला था और अपनी अय्याश जीवनशैली और कर्ज में डूबे होने के कारण कई मुश्किलों में था।

अभय शर्मा की कर्ज और अय्याशी से जुड़ी कहानी:
पुलिस के मुताबिक, अभय का अपनी मां और परिवार से कोई संबंध नहीं था। वह सट्टेबाजी और मानव तस्करी जैसे गैरकानूनी कामों में लिप्त था। कर्जदारों से बचने के लिए उसने हाल ही में दिल्ली में अपना 30 लाख का फ्लैट बेचा, लेकिन वह सारा पैसा सट्टे और अय्याशी में उड़ा दिया।

नीरज ने रचा हत्या का प्लान:
अभय ने अपने दोस्त नीरज के नाम पर भी लाखों रुपये उधार लिए थे। जब कर्जदार नीरज पर दबाव डालने लगे, तो उसने अभय से कर्ज चुकाने को कहा। अभय की गैरजिम्मेदाराना हरकतों से तंग आकर नीरज ने नागेंद्र के साथ मिलकर उसकी हत्या की साजिश रच दी।

हरिद्वार में ले जाकर की हत्या:
नीरज और नागेंद्र ने अभय को एक तांत्रिक से मिलने के बहाने हरिद्वार बुलाया। वहां नशा देकर उसे सुनसान इलाके में ले जाया गया। नदी के पास गला घोंटकर उसकी हत्या की गई और पहचान छिपाने के लिए पत्थर से चेहरा कुचल दिया गया।

मुख्य आरोपी गिरफ्तार, एक फरार:
नीरज शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि नागेंद्र अब भी फरार है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है।

निष्कर्ष:
हरिद्वार पुलिस ने अपने सूझबूझ और तकनीकी जांच के बल पर इस ब्लाइंड मर्डर केस को सुलझा लिया है। लेकिन यह मामला अय्याशी, लालच और दोस्ती के विश्वासघात का एक चौंकाने वाला उदाहरण है।

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