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देहरादून: उत्तराखंड राज्य भंडारण निगम खाद्यान्न और उर्वरकों के भंडारण क्षमता में सुधार के लिए 10 नए गोदाम स्थापित करेगा, जिससे 48,000 मीट्रिक टन की अतिरिक्त भंडारण क्षमता जोड़ी जाएगी। वर्तमान में निगम की कुल भंडारण क्षमता 1,14,998 मीट्रिक टन है, जिसे बढ़ाकर बाजार की मांग के अनुसार अनुकूलित करने की योजना बनाई जा रही है।

इन नए गोदामों का निर्माण खटीमा, ऋषिकेश, श्रीनगर, कोटद्वार, रामनगर, रुड़की, हरिद्वार, काशीपुर और गदरपुर में किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य राज्य में खाद्यान्न और उर्वरकों की सुरक्षित और प्रभावी भंडारण क्षमता सुनिश्चित करना है।

सहकारिता सचिव दिलीप जावलकर की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक के दौरान यह जानकारी दी गई। बैठक में निगम की वर्तमान भंडारण क्षमताओं का मूल्यांकन और सुधार पर विस्तृत चर्चा की गई। सचिव जावलकर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे मौजूदा गोदामों का भौतिक निरीक्षण करें ताकि उनके बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाया जा सके।

उन्होंने यह भी कहा कि निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर भविष्य के निर्णय लिए जाएंगे।

सहकारिता क्षेत्र में आवश्यक सुधार और पहाड़ी क्षेत्रों में आजीविका वृद्धि पर जोर

समीक्षा बैठक के दौरान सहकारिता क्षेत्र की भी विस्तार से समीक्षा की गई। सचिव जावलकर ने विशेष रूप से पर्वतीय जिलों में सहकारिता क्षेत्र में और अधिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे स्थानीय निवासियों की आजीविका में सुधार हो सके। उन्होंने निर्देश दिए कि संबंधित विभागों की योजनाओं के तहत मिश्रित ऋण सुविधा प्रदान की जाए, जिससे जनता को योजनाओं का अधिकतम लाभ मिल सके।

सहकारी बैंकों को ऋण-जमा अनुपात बढ़ाने, आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और मोटे अनाज के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के निर्देश भी दिए गए। ऋण वितरण प्रक्रिया को सरल बनाने और सभी जिलों में जिला स्तरीय सहकारी समितियों की बैठकें नियमित रूप से आयोजित करने की बात भी कही गई।

इसके साथ ही, कल्याणकारी योजनाओं के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए गोष्ठियां और शिविरों के आयोजन का सुझाव भी दिया गया।बैठक में निबंधक सहकारी समितियां सोनिका, राज्य भंडारण निगम की प्रबंध निदेशक रमिंद्री मंद्रवाल, अपर निबंधक ईरा उप्रेती और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

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