टिहरी लोकसभा सीट पर इस बार के चुनावों में एक खास बदलाव देखने को मिला। लंबे समय बाद किसी निर्दलीय उम्मीदवार ने वोट का आंकड़ा डेढ़ लाख पार कर लिया। बॉबी पंवार ने कांग्रेस के जोतसिंह गुनसोला को कई चरणों में पीछे छोड़ते हुए इस चुनाव में जौनसार का बड़ा सितारा बनकर उभरे। युवा आंदोलन से राजनीति तक का सफरबॉबी पंवार ने राजनीति में कदम बेरोजगार युवाओं के हक के लिए लड़ते हुए रखा। दो साल पहले परीक्षाओं में धांधली के मामलों में उन्होंने युवाओं के हक की पुरजोर लड़ाई लड़ी। उनकी अगुवाई में कई आंदोलन हुए, जिनके कारण सरकार को बड़े फैसले लेने पड़े। युवाओं की मांग पर नया नकल विरोधी कानून भी लाया गया। पिछले साल मार्च में हुए घंटाघर पर बड़े आंदोलन के बाद बॉबी पर गंभीर धाराओं में मुकदमे भी हुए, लेकिन युवाओं ने उनका साथ नहीं छोड़ा।निर्दलीय के रूप में चुनावी मैदान मेंशुरुआत में चर्चा थी कि कांग्रेस बॉबी को अपना चेहरा बना सकती है, लेकिन कांग्रेस ने जोतसिंह गुनसोला को मैदान में उतारा। गुनसोला की जौनसार और आसपास की जनता में पकड़ कमजोर थी। इस मौके का फायदा बॉबी पंवार को मिला। शानदार चुनावी प्रदर्शनचुनाव परिणामों के दौरान, बॉबी पंवार का प्रदर्शन देखने लायक था। शुरुआती कई राउंड में बॉबी ने कांग्रेस के गुनसोला को पास तक नहीं आने दिया। जौनसार के बूथों की गिनती में बॉबी के पक्ष में वोटों की बारिश हुई। हालांकि, शहर के बूथों की गिनती में बॉबी दोनों प्रमुख प्रत्याशियों के पीछे रह गए। इसके बावजूद बॉबी ने 1.5 लाख से भी ज्यादा वोट हासिल किए। जनता के रुझानों से यह स्पष्ट हुआ कि जौनसार को एक नया सितारा मिल गया है। युवाओं का वोट बैंकबॉबी पंवार ने पहले से ही रोजगार की चाह रखने वाले युवाओं का एक मजबूत वोट बैंक बना लिया था। उन्हें बस चुनाव मैदान में उतरने की देरी थी। शुरुआत से ही जौनसार को उनका गढ़ माना जा रहा था। युवाओं को साथ लेकर लड़े गए इस चुनाव में बॉबी ने कांग्रेस को पछाड़ना शुरू कर दिया। हालांकि, तीसरे राउंड में गुनसोला उनसे आगे निकल गए।
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