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Finn Weaver कलात्मक घोंसले तैयार करने के लिए मशहूर नन्हीं चिड़िया फिन वीवर 44 साल बाद उत्तराखंड के जंगलों में दिखाई दी। फिन वीवर चिड़िया स्वेटर से भी घनी बुनाई कर अपनें घोंसले तैयार करती है। पूरी दुनिया में इनकी संख्या करीब एक हजार ही बची है। पर्यटकों के लिए ये खुशखबरी है कि गूलरभोज डैम के जंगलों में वे फिन विवर चिड़िया को देख सकते है

मशहूर नन्हीं चिड़िया फिन वीवर 44 साल बाद कलात्मक घोंसले को तैयार करने के लिए उत्तराखंड के जंगलों में दिखाई दी। यह चिड़िया हरिपुरा जलाशय गूलरभोज के जंगलों में भी दिखाई दी है।जैव विविधता के लिहाज से ये एक अच्छा संकेत है। पूरी दुनिया में इनकी संख्या करीब एक हजार ही बची है। भारत में यह केवल दो जगहों पर मिलती है जिसमें से एक है काजीरंगा अभ्यारण्य और दूसरा है अपना उत्तराखंड.

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स्वेटर से भी घनी बुनाई कर फिन वीवर चिड़िया द्वारा अपना घोंसले तैयार किया जाता है।लगभग 17 सेमी इसका आकार होता है इसका सिर, पेट और पीठ पीले रंग की होती है और कान और आंख का हिस्सा काला होता है। छाती में काला धब्बा होता है।मादा चिड़िया एक बार में दो से चार अंडे देती है। करीब 15 दिनों में इन अंंडो से बच्चे निकलते हैं। पर्वतीय इलाकों में इसे ” पहाड़ी बया ” नाम से भी जाना जाता है।

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