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पटेलनगर कोतवाली क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें 15 वर्षीय किशोरी के साथ अपहरण कर दुष्कर्म का मामला उजागर हुआ है। आरोपित परमिंदर सिंह ने किशोरी को दो दिनों तक बंधक बनाकर रखा और इस दौरान कई बार उसका यौन शोषण किया। इस मामले में पुलिस ने पीड़िता के पिता की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

घटना का प्रारंभ 13 जून को हुआ जब पीड़िता, जो कांवली रोड स्थित कंप्यूटर कोचिंग सेंटर में पढ़ने जाती थी, सुबह करीब साढ़े नौ बजे घर से निकली। उसके वापस न लौटने पर परिवार ने उसे रातभर ढूंढ़ने का प्रयास किया, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला। अगले दिन, 14 जून को शाम साढ़े चार बजे के करीब, किशोरी बदहवास हालत में घर पहुंची और अपनी आपबीती सुनाई।

किशोरी ने बताया कि 13 जून को कांवली रोड के निवासी परमिंदर सिंह ने उसे जबरन अपने घर ले जाकर बंधक बना लिया। वहां उसने उसके साथ दुष्कर्म किया और दो दिन तक बंधक बनाए रखा। किशोरी के अनुसार, परमिंदर सिंह के पास उसका एक अश्लील वीडियो है जिसे इंटरनेट पर वायरल करने की धमकी देकर वह पहले भी कई बार उसके साथ दुष्कर्म कर चुका है।

पीड़िता ने यह भी बताया कि परमिंदर सिंह ने दुष्कर्म के संबंध में किसी को बताने पर उसे और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी थी। इस भय के चलते किशोरी ने पहले कभी इस घटना का खुलासा नहीं किया था।

पीड़िता के पिता ने पुलिस को बताया कि परमिंदर सिंह और उसके साथी उन पर मुकदमा दर्ज नहीं कराने का दबाव बना रहे थे। उन्होंने परिवार को धमकाया भी, जिससे उन्हें अपनी जान का खतरा महसूस हो रहा है।

पीड़िता के पिता की शिकायत पर पुलिस ने परमिंदर सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी सबूतों और गवाहों का संकलन कर रही है।

इस घटना ने समाज को हिला कर रख दिया है। एक तरफ जहां किशोरी और उसके परिवार को न्याय दिलाने के लिए सभी एकजुट हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर ऐसी घटनाओं से सुरक्षा और सामाजिक जिम्मेदारी पर प्रश्नचिन्ह खड़े हो गए हैं। यह घटना न केवल कानूनी व्यवस्था के लिए एक चुनौती है, बल्कि समाज में बढ़ते अपराधों के प्रति सजगता और सतर्कता की आवश्यकता भी दर्शाती है।

यह घटना केवल एक कानूनी मामला नहीं है, बल्कि यह समाज के हर व्यक्ति को झकझोरने वाली है। हमें यह समझना होगा कि ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए सिर्फ पुलिस और न्यायपालिका की ही नहीं, बल्कि समाज के हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है। हमें अपने बच्चों को सुरक्षित माहौल प्रदान करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने होंगे और किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों को देनी चाहिए।

इस घटना के बाद से पुलिस और स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी और बढ़ गई है। उन्हें न केवल पीड़िता और उसके परिवार को सुरक्षा प्रदान करनी होगी, बल्कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे। न्याय की प्राप्ति के लिए समाज का हर व्यक्ति पीड़िता और उसके परिवार के साथ खड़ा है और उम्मीद है कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलेगी।

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