ग्लेशियर टूटने से बड़ा हादसा, 57 मजदूर फंसे
उत्तराखंड के चमोली जिले में माणा गांव के पास ग्लेशियर टूटने से भीषण हिमस्खलन हुआ, जिससे बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइज़ेशन (बीआरओ) के कैंप को भारी नुकसान पहुंचा। हादसे के वक्त कैंप में 57 मजदूर मौजूद थे, जिनमें से 15 को सुरक्षित निकाल लिया गया है। सेना, आईटीबीपी और एसडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन में आई चुनौतियां
भारी बर्फबारी के कारण बचाव दलों को घटनास्थल तक पहुंचने में मुश्किल हो रही है। लामबगड़ के पास सड़क अवरुद्ध हो गई है, जिससे एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें रास्ते में फंसी हैं। वहीं, खराब मौसम के कारण ड्रोन ऑपरेशन भी संभव नहीं हो पाया है। प्रशासन ने हालात को देखते हुए हेलीकॉप्टर से राहत दलों को उतारने की योजना बनाई है।
16 मजदूरों को निकाला गया, 3 की हालत गंभीर
अब तक बर्फ में दबे 16 मजदूरों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, जिनमें से तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है। उन्हें सेना के चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। बीआरओ के कैंप में कार्यरत ये मजदूर 50 किमी क्षेत्र में हाईवे चौड़ीकरण और डामरीकरण के काम में लगे हुए थे।
मुख्यमंत्री और गृहमंत्री की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि राहत एवं बचाव कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है। उन्होंने भगवान बदरीनाथ से सभी मजदूरों की सुरक्षा की प्रार्थना की। गृहमंत्री अमित शाह ने भी डीजी आईटीबीपी, एनडीआरएफ और मुख्यमंत्री धामी से बात कर राहत कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने आश्वासन दिया कि फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए केंद्र सरकार हरसंभव मदद देगी।
हाईवे बंद, प्रशासन अलर्ट पर
हनुमान चट्टी से आगे हाईवे पूरी तरह बर्फ से ढक गया है, जिससे आवाजाही बाधित हो गई है। राज्य आपातकालीन केंद्र ने उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी, देहरादून, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों में भारी बारिश और ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी की चेतावनी जारी की है। प्रशासन ने आईआरएस (इंसिडेंट रिस्पांस सिस्टम) से जुड़े अधिकारियों को अलर्ट पर रखा है।
रेस्क्यू ऑपरेशन में सेना और आईटीबीपी की महत्वपूर्ण भूमिका
सेना और आईटीबीपी की टीमें पूरी मुस्तैदी के साथ राहत एवं बचाव कार्य में लगी हुई हैं। बर्फबारी के कारण हालात चुनौतीपूर्ण बने हुए हैं, लेकिन प्रशासन और सुरक्षा बल पूरी कोशिश कर रहे हैं कि जल्द से जल्द सभी लापता मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जाए।
स्थानीय लोगों से सतर्क रहने की अपील
भारी बर्फबारी और हिमस्खलन की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। एसडीआरएफ और जिला प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और आवश्यकतानुसार अतिरिक्त बचाव दलों को तैनात किया जा रहा है।
बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है, लेकिन खराब मौसम और दुर्गम परिस्थितियों के कारण चुनौतियां बनी हुई हैं। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले घंटों में रेस्क्यू ऑपरेशन में और तेजी लाई जाएगी।