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उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कुछ अधिकारियों के प्रदर्शन से नाखुश हैं और 4 जून के बाद प्रशासनिक फेरबदल के आसार हैं। पिछले दो महीनों से विभिन्न राज्यों के चुनाव प्रचार में व्यस्त रहे मुख्यमंत्री धामी अब पूरी तरह से एक्शन मोड में आ जाएंगे। वनाग्नि, बिजली-पानी की समस्या और चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को लेकर मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद कुछ अधिकारियों के प्रभार बदले जा सकते हैं। चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को लेकर मुख्यमंत्री धामी लगातार समीक्षा बैठकें कर रहे हैं। यात्रा के दौरान अत्यधिक भीड़ के दबाव को ठीक से नहीं समझ पाने वाले अधिकारियों से मुख्यमंत्री नाखुश बताए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने यात्रा प्रबंधन और संचालन के लिए अलग से एक प्राधिकरण बनाने के निर्देश दिए हैं। अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन को इस प्राधिकरण का स्वरूप और संचालन के संबंध में रोडमैप तैयार करने का कार्य सौंपा गया है, जो जुलाई माह तक पूरा हो सकता है।धामी सरकार अवस्थापना विकास से जुड़ी परियोजनाओं पर भी जोर देगी। गंगा नदी पर ऋषिकेश और हरिद्वार पुनर्निर्माण गलियारा परियोजना का काम जोर पकड़ रहा है। हरिद्वार कॉरिडोर का मास्टर प्लान तैयार हो चुका है, जबकि चंपावत में शारदा कॉरिडोर और ऋषिकेश कॉरिडोर पर भी कार्य शुरू होगा। सरकार ने गढ़वाल कुमाऊं मंडल में एक-एक नया शहर विकसित करने की योजना बनाई है। चुनाव आचार संहिता समाप्त होने के बाद इन प्रोजेक्ट्स पर फोकस किया जाएगा।आचार संहिता के कारण विकास कार्यों से जुड़े शासनादेश अब तक जारी नहीं हो पाए हैं।

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4 जून के बाद ये शासनादेश जारी होंगे। मुख्यमंत्री वित्तीय प्रबंधन की समीक्षा भी करेंगे और बजट खर्च और राजस्व प्राप्ति की प्रगति का आकलन करेंगे। मुख्यमंत्री मानसून पूर्व तैयारियों की समीक्षा भी करेंगे, खासकर भू धंसाव से प्रभावित जोशीमठ के पुनर्निर्माण और प्रभावित परिवारों के हितों से जुड़े मसलों पर। सत्तारूढ़ भाजपा के विधायकों और कार्यकर्ताओं को भी मुख्यमंत्री से काफी उम्मीदें हैं। राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार की लंबे समय से प्रतीक्षा हो रही है और सरकार में कई दायित्व अब भी खाली हैं, जिन पर कार्यकर्ताओं की नजर है।

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