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जमरानी कॉलोनी दमुवाढूंगा में रविवार की सुबह एक दर्दनाक घटना घटी, जिसमें दानीबंगर गौलापार निवासी विक्रम सिंह बिष्ट (24) की मृत्यु हो गई। विक्रम, जो एमए का छात्र था, अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए मजदूरी करता था। दुर्घटना उस समय हुई जब वह एक सरकारी बिल्डिंग को गिराने का काम कर रहा था।

रविवार की सुबह विक्रम अपने चचेरे भाई वीरेंद्र और साथी हरीश के साथ काम पर गया था। तीनों मिलकर एक दो मंजिला सरकारी आवास को गिरा रहे थे। लगभग 12:30 बजे, जब वे खाना खाने के लिए नीचे जा रहे थे, तो अचानक भवन की छत गिर गई। वीरेंद्र और हरीश पहले ही सुरक्षित निकल गए थे, लेकिन विक्रम छत के नीचे दब गया। स्थानीय लोगों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य शुरू किया और विक्रम को जेसीबी की मदद से बाहर निकाला गया। उसे निजी गाड़ी से एसटीएच अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

विक्रम सिंह बिष्ट, जो ‘वकील’ के नाम से भी जाना जाता था, एक मेहनती और प्रेरित युवा था। वह अपने पिता डूंगर सिंह बिष्ट, मां भगवती देवी और छोटे भाई हर्षित के साथ दानीबंगर गौलापार में रहता था। विक्रम ने पढ़ाई का खर्च निकालने के लिए मजदूरी का सहारा लिया था। एमबीपीजी कॉलेज में एमए तृतीय वर्ष का छात्र होने के साथ-साथ वह छात्रसंघ चुनाव लड़ने की भी तैयारी कर रहा था। विक्रम का परिवार उसकी मृत्यु के बाद गहरे सदमे में है और उनकी आर्थिक स्थिति और भी खराब हो गई है।

घटना के बाद मौके पर पहुंची मेडिकल चौकी पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भिजवा दिया। पुलिस ने बताया कि परिजनों की ओर से अभी तक कोई लिखित शिकायत नहीं दी गई है। तहरीर मिलने पर मामले की गंभीरता से जांच की जाएगी।

स्थानीय निवासियों ने ठेकेदार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि ठेकेदार ने समय पर जेसीबी बुलाने में देरी की, जिससे विक्रम की जान बचाई जा सकती थी। यतिन पांडे, एक स्थानीय निवासी ने बताया कि ठेकेदार वहीं मौजूद था और उसे पता था कि छत बल्ली से नहीं उठ सकती है। इसके बावजूद उसने पहले ही जेसीबी बुलाने का प्रयास नहीं किया। जेसीबी वहीं पर काम कर रही थी, लेकिन उसे बुलाने में समय बर्बाद किया गया।स्थानीय लोगों का यह भी आरोप है कि ठेकेदार ने विक्रम को वहां से निकालने के बाद अपनी गाड़ियों में अस्पताल नहीं ले जाया। जब लोगों ने आक्रोशित होकर हंगामा शुरू किया, तब जाकर ठेकेदार ने अपने वाहन से घायल विक्रम को अस्पताल पहुंचाया। लोगों का मानना है कि अगर समय से विक्रम को इलाज मिल जाता, तो उसकी जान बचाई जा सकती थी।

पुलिस और प्रशासन ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल कार्रवाई की है। मेडिकल चौकी पुलिस ने बताया कि मामले की पूरी जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस दुखद घटना ने न केवल विक्रम के परिवार को बल्कि पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया है।

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