फारेस्ट कालोनी जलागम निदेशालय इंदिरानगर निवासी टीकम सिंह राठौर को खुद को आयकर विभाग में अधिकारी बताकर ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। वसंत विहार थाना पुलिस ने उसे धर दबोचा, जब उसने आयकर विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी दिलाने का झांसा देकर 12 लाख रुपये ठगे। इस ठगी के बाद वह फरार हो गया था।
टीकम सिंह ने स्वयं को आयकर विभाग में अधिकारी पद पर तैनात बताया और लोगों को आयकर विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी दिलाने का झांसा दिया। उसने फर्जी नियुक्ति पत्र बनाकर पवन कुमार निवासी शास्त्रीनगर, सीमाद्वार से 12 लाख रुपये ले लिए और फिर गायब हो गया।
16 अगस्त 2023 को पवन कुमार ने इंदिरानगर चौकी में तहरीर दी, जिसमें उसने टीकम सिंह राठौर द्वारा ठगी का विवरण दिया। पुलिस ने जब जांच शुरू की, तो पता चला कि टीकम अपने पते से गायब हो चुका है।
पुलिस ने जब टीकम सिंह के परिवार से पूछताछ की, तो पता चला कि उसके स्वजन ने भी उसे संपत्ति से बेदखल कर दिया है। स्वजन ने बताया कि उन्होंने टीकम को संपत्ति से बेदखल कर दिया है और उसके साथ कोई संबंध नहीं रखा है।
पुलिस ने जांच के दौरान पता लगाया कि टीकम सिंह वर्तमान में फ्रेंड्स कालोनी में किराये के मकान में रह रहा है।
एक अन्य मामले में, साइबर ठग ने देहरादून के गौरव सिंह गुसाईं निवासी सोडा-सरोली से क्रेडिट कार्ड से 4,500 रुपये सर्विस चार्ज कटने से बचाने का झांसा देकर डेढ़ लाख रुपये ठग लिए। गौरव सिंह ने रायपुर थाना पुलिस को तहरीर दी और बताया कि 13 मई को उनके पास अज्ञात नंबर से फोन आया। फोन करने वाले व्यक्ति ने कहा कि आपके एयू बैंक के क्रेडिट कार्ड का 4,500 रुपये सर्विस चार्ज कटना है। इस कटौती से बचाने का झांसा देकर आरोपित ने कार्ड की जानकारी ले ली और उनके खाते से डेढ़ लाख रुपये उड़ा दिए।
इंदिरानगर चौकी इंचार्ज पंकज महिपाल ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और ठगी के आरोपितों को सख्त सजा दिलाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी और कहा कि ऐसे धोखेबाजों से सावधान रहें जो नौकरी दिलाने या किसी भी अन्य तरीके से ठगी करने की कोशिश करते हैं।
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इस प्रकार के मामलों से यह स्पष्ट होता है कि ठगी के तरीकों में दिन-प्रतिदिन नये बदलाव आ रहे हैं और लोगों को सतर्क रहना होगा। ऐसे फोन कॉल्स, मैसेज या ईमेल पर विश्वास न करें जिनमें व्यक्तिगत जानकारी या पैसे की मांग की जाती है। हमेशा सरकारी विभागों या संबंधित संस्थानों से सीधे संपर्क करें और जानकारी की पुष्टि करें।
इस घटना ने फिर से यह साबित कर दिया है कि ठगी के मामले कितने संगीन होते जा रहे हैं और हमें अपनी सतर्कता और जागरूकता को हमेशा बढ़ाते रहना चाहिए। पुलिस प्रशासन को भी ऐसे मामलों में तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए ताकि आम जनता का विश्वास बना रहे।