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प्रदेश में तीन नए कानूनों को लागू करने के लिए पुलिस ने पहले से ही काफी तैयारी कर ली थी। उनको लागू करने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाई जा रही है। अब नए कानूनों को देखते हुए नए विशेषज्ञों की जरूरत महसूस हो रही है। साथ ही घटनाओं की विस्तृत जानकारी जुटाने के लिए ड्राफ्ट्समैन की भी जरूरत है।

इस कड़ी में अब पुलिस ने शासन से नए कानूनों के क्रियान्वयन को 311 पदों की मांग भी की है। इनमें फारेंसिक विशेषज्ञ, साइबर विशेषज्ञ और ड्राफ्ट्समैन के 97-97 पद और विधिक सलाहकार के 20 पद सम्मिलित हैं।विशेष रूप से आनलाइन एफआइआर दर्ज करने के लिए सीसीटीएनएस को अपडेट किया गया है। नए कानून के तहत पहली एफआइआर भी पंजीकृत हो चुकी है। अब पुलिस घटनाओं के अनावरण को नए कानूनों के अनुसार आगे बढ़ रही है।

इसमें फारेंसिक जांच काफी महत्वपूर्ण है। अभी पुलिस के पास नाम मात्र के फारेंसिक विशेषज्ञ हैं। इन कार्यों को आउटसोर्स भी किया जा रहा है। साथ ही घटनाओं की विस्तृत जानकारी जुटाने के लिए ड्राफ्ट्समैन की भी चाहिए। इस कड़ी में पुलिस ने इन पदों की मांग रखी है।

साइबर अपराध की घटनाएं भी इस समय तेजी से बढ़ रही हैं।पुलिस द्वारा की गई जांच और दर्ज अपराधों पर दोषियों पर कार्यवाही के लिए विधिक सलाहकार की भी जरूरत है। वे नए कानूनों की बारीकियों के संबंध में मामलों की जांच कर रहे पुलिस कर्मियों को सही दिशा दिखा सकते हैं।

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इसके लिए विधि विशेषज्ञ के नए पदों के सृजन की भी जरूरत महसूस की गई है।हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने इन पदों की जरूरत के बारे में उन्हें जानकारी दी। जिसे आगे बढ़ाते हुए पुलिस मुख्यालय ने संबंधित प्रस्ताव भेजा गृह विभाग को ।

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