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तीन तरफ से पर्वत शृंखलाओं से घिरे और चौथी तरफ संकरी गहरी घाटी वाले केदारनाथ क्षेत्र में हवा की दिशा और दबाव की सही जानकारी नहीं मिलती है। लेकिन बावजूद इसके यहां हेलिकॉप्टर अंधाधुंध उड़ान भर रहे हैं। धाम में दो दशक बाद भी हवाई सेवा की सुरक्षा के लिए एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम स्थापित नहीं किया गया है।

दरअसल,केदारनाथ में प्रतिवर्ष यात्राकाल में हवाई सेवा संचालित होती आ रही है। यह सेवा उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट ऑथारिटी (यूकाडा) और डायरेक्टोरल जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीएसी) की देखरेख में संचालित की जा रही है। लेकिन दोनों संस्थाएं भी हेलिकॉप्टर और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर आंख मूंदे हुए हैं।जिसके कारण स्थिति यह है कि, केदारनाथ यात्रा में हेलिपैड की चेकिंग डीजीसीए के लिए खानापूर्ति बनकर रह गई है। हेलिपैड पर यात्री सुविधा और सुरक्षा के क्या-क्या प्राथमिक इंतजाम हैं, संस्था को इससे कोई लेनादेना नहीं होता है।

बता दें की विषम परिस्थितियों वाले केदारनाथ धाम में जहां एमआई-26 और एमआई-17 हेलिपैड मौजूद हैं, लेकिन एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम स्थापित नहीं है। जिस कारण, हेलिकॉप्टर की उड़ान के दौरान पायलट को हवा के दबाव और तापमान की सही जानकारी नहीं मिल पाती है। हवा की दिशा की जानने के लिए हेली कंपनी प्रबंधन द्वारा केदारनाथ व केदारघाटी के हेलिपैड पर झंडियां लगाई गईं हैं, जिससे हवा की अनुमानित दिशा के हिसाब से हेलिकॉप्टर टेकऑफ व लैंडिंग करते हैं। केदारघाटी से केदारनाथ तक जब हल्की बारिश में कोहरा छाने लगता है, तब हेलिकॉप्टर की उड़ान को लेकर संयश बना रहता है। लेकिन, शासन, प्रशासन, यूकाडा और डीजीसीए इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं।

वहीं सूत्रों के मुताबिक केदारनाथ यात्रा में हेलिकॉप्टर की उड़ान को लेकर जिला प्रशासन ने यूकाडा को कई पत्र भेजे हैं, लेकिन इनका जवाब नहीं मिलता। बीते वर्षों में जिला स्तर पर संबंधित अधिकारियों ने स्वयं भी इस बात को स्वीकार किया है कि यूकाडा और डीजीसीए हेलिकॉप्टर सेवा को लेकर किसी की नहीं सुनता है। स्थिति इस कदर है कि, वर्ष 2019 में केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग द्वारा केदारनाथ यात्रा में हेलिकॉप्टर की नीची उड़ान को लेकर संबंधित कंपनियों को 32 नोटिस जारी कि थे, लेकिन एक का भी जवाब नहीं मिला।

केदारनाथ यात्रा में हेलिकॉप्टर सेवा के बेहतर और सुरक्षित संचालन के लिए यूकाडा व डीजीसीए को जिला प्रशासन के माध्यम से पत्र भेजा गया है। साथ ही हेली कंपनियों को उड़ान का समय और निश्चित शटल को लेकर भी निर्देशित किया गया है। – राहुल चौबे, नोडल अधिकारी हेलिकॉप्टर सेवा केदारनाथ व जिला पर्यटन अधिकारी रुद्रप्रयाग

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