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देहरादून के गुच्चूपानी क्षेत्र में भूमाफिया द्वारा 25 करोड़ रुपये मूल्य की जमीन पर अवैध कब्जा करने का मामला सामने आया है। मृत महिला संत बिंदा गिरी को जिंदा दिखाकर और उन्हें पुरुष बताकर यह फर्जीवाड़ा किया गया। इस घटना की शिकायत ग्राम अनारवाला के भूतपूर्व सैनिक कल्याण समिति के अध्यक्ष और गुच्चूपानी, जौहड़ी एवं चंद्रोटी के ग्रामीणों ने डीएम सोनिका से की, जिसके बाद तहसीलदार सदर मो. शादाब को जांच के आदेश दिए गए। भूमि विवाद और जांचजांच में पाया गया कि विवादित भूमि गुच्चूपानी के समीप राजस्व ग्राम चंद्रोटी का हिस्सा है, जिसकी बाजार कीमत 20-25 करोड़ रुपये आंकी गई है। राजस्व अभिलेखों में यह भूमि वर्ष 1953 से बिंदा गिरी चेला लक्ष्मण गिरी के नाम दर्ज है। वर्ष 2022 में बिंदा गिरी की ओर से सतीश कुमार गुप्ता को यह जमीन गिफ्ट डीड कर दी गई, और अप्रैल 2023 में दाखिल खारिज भी हो गया। राजस्व अभिलेखों के अनुसार, बिंदा गिरी की उम्र लगभग 90 वर्ष होनी चाहिए थी, लेकिन आधार कार्ड की जांच में यह फर्जी पाया गया। फर्जीवाड़ा का खुलासाबिंदा गिरी के नाम से जारी आधार कार्ड फर्जी निकला और उनके हरिद्वार स्थित पते पर कोई व्यक्ति नहीं मिला। तहसीलदार देहरादून में दाखिल खारिज की पत्रावली की सुनवाई में भी यह तथ्य सामने आया कि बिंदा गिरी महिला थीं, जबकि गिफ्ट डीड में उन्हें पुरुष दिखाया गया। जांच में यह भी पता चला कि बिंदा गिरी का निधन 1980 के दशक में हो चुका था और उनकी कोई संतान नहीं थी।कानूनी कार्रवाई और भविष्य की दिशाइस फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद सब-रजिस्ट्रार को भूमाफिया और फर्जी आधार कार्ड बनाने वालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं।

साथ ही, भूमि को राज्य सरकार में निहित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। तहसील देहरादून में अन्य संभावित मामलों की जांच के लिए पटवारियों को खतौनियों की पड़ताल के आदेश दिए गए हैं।यह घटना ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन से जुड़े धोखाधड़ी के मामलों की गंभीरता को उजागर करती है और प्रशासनिक सख्ती की आवश्यकता पर जोर देती है।

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