हाल ही में एक घटना ने शहर में तनाव और विवाद का माहौल पैदा कर दिया, जब एक हिंदू किशोरी के मुस्लिम युवक के साथ रहने की खबर फैलते ही हिंदूवादी संगठन भड़क उठे। इस मुद्दे ने समाज में व्याप्त धार्मिक और सांस्कृतिक तनाव को फिर से उजागर कर दिया है। इस मामले पर विभिन्न संगठनों और पुलिस की प्रतिक्रिया से लेकर किशोरी और उसके परिवार की स्थिति तक, सभी पहलुओं पर गौर करना आवश्यक है।
शहर के मल्लीताल निवासी एक किशोरी पिछले कुछ दिनों से अपने परिवार को छोड़कर एक मुस्लिम युवक के साथ रह रही थी। किशोरी के स्वजन, विशेष रूप से उसकी मां, ने कई बार उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन वह घर लौटने को तैयार नहीं हुई। स्वजनों ने जब यह देखा कि उनकी बेटी उनके साथ वापस नहीं आ रही है, तो वे कोतवाली पहुंचे और पुलिस को इस मामले की जानकारी दी।
जैसे ही हिंदूवादी संगठनों को इस घटना की भनक लगी, वे कोतवाली में जमा हो गए और युवक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करने लगे। इन संगठनों का दावा है कि यह मामला ‘लव जिहाद’ का है और उन्होंने इसे समाज के खिलाफ एक बड़ी साजिश के रूप में पेश किया। नितिन कार्की, विवेक वर्मा सहित अन्य कार्यकर्ताओं ने जोर देकर कहा कि इस तरह की घटनाएं लंबे समय से हो रही हैं और इसके पीछे एक विशेष धर्म की साजिश है।
किशोरी के बयान के आधार पर, उसने अपने स्वजनों के साथ जाने से साफ इनकार कर दिया। कोतवाल हरपाल सिंह ने बताया कि किशोरी अपनी मां के साथ नहीं रहना चाहती और वह किसी अन्य महिला के साथ रह रही है।