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उत्तराखंड के राज्य विश्वविद्यालयों और उनसे संबद्ध राजकीय महाविद्यालयों में पीएचडी में पंजीकृत 100 शोधार्थियों को प्रतिमाह पांच हजार रुपये छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। यह योजना कुमाऊं विश्वविद्यालय, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय, उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय और दून विश्वविद्यालय के लिए लागू की गई है।शोधार्थियों की संख्या का निर्धारण- कुमाऊं विश्वविद्यालय, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, और श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय: 26-26 शोधार्थी- उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय: 12 शोधार्थी- दून विश्वविद्यालय: 10 शोधार्थीचयन प्रक्रियाउच्च शिक्षा सचिव शैलेश बगोली द्वारा जारी आदेश के अनुसार, शोधार्थियों का चयन यूजीसी या सीएसआईआर की नेट परीक्षा के प्राप्तांक और रैंक के आधार पर किया जाएगा। यदि नेट परीक्षा में उत्तीर्ण छात्र नहीं मिलता है, तो पंजीकृत शोधार्थियों का चयन यूसेट के प्राप्तांक के आधार पर किया जाएगा। चयन के बाद, विश्वविद्यालय चयनित शोधार्थियों की सूची उच्च शिक्षा विभाग को उपलब्ध कराएंगे।छात्रवृत्ति की शर्तें1. छात्रवृत्ति अधिकतम तीन वर्ष या शोधग्रंथ जमा करने की तिथि तक, जो भी पहले हो, अनुमन्य होगी।2. किसी भी शोधार्थी को एक से अधिक छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी।3. शोधार्थी किसी सरकारी, गैर-सरकारी सेवा या व्यवसाय में नहीं होगा।4. नियमित या संस्थागत पीएचडी शोधार्थी के रूप में विश्वविद्यालय परिसर या महाविद्यालय में उपस्थिति दर्ज कराना अनिवार्य होगा।5. प्रत्येक शोध का आउटकम इवेल्यूएशन ऑडिट किया जाएगा।6. प्रत्येक शोध को मासिक प्रगति आख्या से लिंक किया जाएगा।इस छात्रवृत्ति योजना का उद्देश्य राज्य विश्वविद्यालयों में विभिन्न क्षेत्रों में गुणवत्तापरक शोध, अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करना है।

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शासन ने प्रदेश के पांच राज्य विश्वविद्यालयों में छात्रवृत्ति के लिए शोधार्थियों की संख्या निर्धारित कर दी है, जिससे शोधार्थियों को आर्थिक सहायता प्रदान की जा सके और वे अपने शोध कार्य को बेहतर ढंग से पूरा कर सकें।

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