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गंगोत्री नेशनल पार्क क्षेत्र में गंगोत्री-गोमुख ट्रेक पर चीड़वासा के पास गदेरे में पानी बढ़ने से अस्थायी पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई। इस घटना में दिल्ली निवासी तीन कांवड़ यात्री बह गए। एक यात्री किसी तरह बाहर निकल आया, जबकि दो अन्य का पता नहीं चल पाया। वन विभाग की टीम और एसडीआरएफ टीम उप निरीक्षक सावर सिंह के नेतृत्व में उनकी खोजबीन का काम चल रहा है। घटना का विवरणगुरुवार दोपहर को मोनू (31), सूरज (23) और विकास (21) नामक तीन कांवड़ यात्री गोमुख से गंगाजल भरकर गंगोत्री की ओर रवाना हुए थे। दोपहर करीब तीन बजे, वे चीड़वासा के पास पहुंचे जहां गदेरे में उफान आ गया। इससे अस्थायी लकड़ी की पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई और तीनों यात्री पानी के तेज बहाव में बह गए। विकास किसी तरह गदेरे से बाहर निकल आया, लेकिन सूरज और मोनू का अब तक कोई पता नहीं चल पाया है।### रेस्क्यू अभियानजिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि हिमखंड पिघलने से गदेरे में पानी का स्तर बढ़ा है। एसडीआरएफ टीम आवश्यक रेस्क्यू उपकरणों के साथ घटनास्थल पर पहुंची और त्वरित कार्यवाही करते हुए आठ पर्यटकों को सुरक्षित निकाल लिया। टीम इंचार्ज सावर सिंह ने सैटेलाइट फोन के माध्यम से बताया कि बाकी पर्यटकों के रेस्क्यू का काम लगातार चल रहा है और जल्द ही सभी को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा। प्रभावित पर्यटक और ठहरावपुलिया बहने से ट्रेक अवरुद्ध हो गया है, जिसके चलते भोजवासा क्षेत्र में 40 पर्यटक फंस गए हैं। इन पर्यटकों को जीएमवीएन भोजवासा और आश्रम में ठहराया गया है। पार्क अधिकारियों और वन विभाग की टीम मौके पर मौजूद है और पुलिया की मरम्मत का कार्य जारी है।गंगोत्री नेशनल पार्क में हुई इस दुर्घटना के कारण कांवड़ यात्रियों की खोजबीन और फंसे हुए पर्यटकों को सुरक्षित निकालने का काम तेज गति से चल रहा है। पुलिया की मरम्मत और ट्रेक को पुनः चालू करने के लिए संबंधित अधिकारियों द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

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