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मेजर रावत ने भारतीय सेना की 44 राष्ट्रीय राइफल्स (राजपूत) में तैनात रहते हुए बहादुरी और प्रेरक नेतृत्व का प्रदर्शन कर 11 सफल ऑपरेशन में भाग लिया और 28 आतंकवादियों के खात्मे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने 30 अगस्त 2022 को जम्मू-कश्मीर के शोपिया जिले के एक गांव में तीन हथियारबंद आतंकवादियों को मार गिराया था। इस दौरान मेजर रावत गंभीर रूप से घायल भी हो गए थे, लेकिन अद्वितीय साहस और अनुकरणीय नेतृत्व के दम पर उन्होंने आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया।मूल रूप से चमोली जिले के गौचर (अंगोत) निवासी मेजर रावत का परिवार सैनिक पृष्ठभूमि का है। उनके पिता बादर सिंह रावत कोर ऑफ सिग्नल्स से सेवानिवृत्त हैं, जबकि दादा दिवंगत बालम सिंह रावत भी सेना से सेवानिवृत्त थे। बड़ी बहन शशि रावत आर्मी मेडिकल कोर में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर सेवारत हैं।इसके अलावा, पैरा कमांडो मेजर दिग्विजय सिंह रावत को कीर्ति चक्र और ग्रेनेडियर्स 55वीं बटालियन के मेजर सचिन नेगी को भी शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है।

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