युवकों को नौकरी के नाम पर विदेश ले जाकर बंधक बनाने का मामला सामने आया है। पीड़ित की बहन ने मामले को लेकर एजेंट के खिलाफ तहरीर दी है। जिसके बाद देहरादून पुलिस ने एजेंट के खिलाफ केस दर्ज कर दिया है।
मामले को लेकर बुधवार को जिया गौतम पुत्री सीताराम गौतम निवासी रायवाला ने पुलिस को तहरीर दी है। जिया ने तहरीर में बताया की उसका भाई विधान गौतम, जो आईटी सेक्टर में काम करता था उसका संपर्क मई 2024 को गुजरात निवासी एजेंट जय जोशी से हुआ। एजेंट ने उसके भाई विधान गौतम को वीडियो कॉल किया था। एजेंट ने उसके भाई और उसके 7 साथियों को थाईलैंड में आईटी कंपनी में जॉब दिलाने व अच्छी सैलरी दिये जाने की बात कह कर वीडियो कॉल के माध्यम से सभी का स्क्रीनिंग टेस्ट लिया।
एजेंट ने युवकों को बताया की उनका सलेक्शन बैंकॉक की एक आईटी कम्पनी में हो गया है और इंडिया से बैंकॉक, थाइलैंड जाने का सारा खर्चा व सुविधाएं कंपनी देगी। जिसके बाद 21 मई 2024 को एजेंट जय जोशी उनके भाई विधान और 7 अन्य साथियों को दिल्ली से लेकर बैंकाक, थाईलैंड पहुंचा। जिया ने बताया उसके बाद से उसके परिवार का उसके भाई के साथ कोई सम्पर्क नहीं हो पाया। जिसपर उन्होंने एजेंट जय जोशी से संपर्क किया।
एजेंट ने उन्हें गुमराह कर बताया की विधान को अच्छी जॉब मिली है, और वह ज्यादा व्यस्त होने के कारण बात नहीं कर पा रहा है। उसके बाद जय जोशी से उनकी कोई बात नहीं हो पाई। कुछ समय बाद जिया के पिता के व्हाट्सएप नंबर पर विधान गौतम का कॉल आया। विधान ने कॉल में बताया की जय जोशी ने हमारे साथ धोखाधड़ी की है। विधान और उसके साथियों को बैंकाक एयरपोर्ट से एजेंट के साथियों द्वारा बंदूक दिखाकर अगवा कर वहां से म्यांमार बार्डर क्रॉस कराकर बंधक बनाया गया है।
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विधान ने अपने पिता को बताया कि वहां पर लगभग 70 भारतीय युवकों सहित अन्य देशों के कुल करीब 200 लोगों को बंधक बनाकर रखा गया है। जिनमें से 10 युवक उत्तराखंड से हैं। सभी को प्रताड़ित कर हमसे साइबर फ्राड का काम करवाया जा रहा है। विधान ने बताया कि जो इनकी बात नहीं मानता, उसे इनके द्वारा मार दिया जाता है। यदि हमें इनके कब्जे से जल्द नहीं छुड़ाया गया तो यह लोग हमें भी मार देंगे।
तहरीर के आधार पर देहरादून पुलिस ने रायवाला में आरोपी एजेंट के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। एसएसपी देहरादून ने कहा कि उक्त प्रकरण में विदेश मंत्रालय भारत सरकार द्वारा अन्य सम्बन्धित एजेन्सियो से लगातार समन्वय स्थापित करते हुए युवकों की वापसी के लिये हर सम्भव प्रयास कर रही हैं।