ट्रूडो सरकार के मुताबिक, डेप्लोमेट्स को देश छोड़ने का भारत का आदेश अनुचित है, जो डेप्लोमेटिक रिलेशन को लेकर किए बने वियना कन्वेंशन का भी उल्लंघन है. कनाडाई विदेश मंत्री ने कहा कि मामले को और न बिगाड़ने के लिए कनाडा ने फैसला किया है कि वो कोई जवाबी कार्रवाई नहीं करेगा.
कनाडा ने भारत के आदेश के बाद अपने 62 में से 41 डेप्लोमेट्स (India-Canada Relation) को वापस बुला लिया है. खालिस्तानी (Khalistani) आतंकी निज्जर (Hardeep Singh Nijjar.) की हत्या पर जारी तनाव के बीच ये फैसला लिया गया. भारत सरकार के आदेश को जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) सरकार ने वियना कन्वेंशन (Vienna Convention ) का उल्लंघन बताया. कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जॉली ने बताया कि उनकी सरकार ने 41 डेप्लोमेट्स वापस बुला लिए हैं. इसके साथ ही कनाडा ने चंडीगढ़, मुंबई और कर्नाटक में कॉन्सुलेट सर्विसेज पर भी रोक लगा दी है. विदेश मंत्री ने ये भी कहा कि कनाडा जवाबी कार्रवाई नहीं करेगा. कनाडा के इस कदम के बाद केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि नई दिल्ली और ओटावा में पारस्परिक राजनयिक उपस्थिति में समानता की मांग करते हुए भारत में किसी भी अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन नहीं किया गया है. मेलानी जोली ने ऐलान किया कि उनके राजनयिक नई दिल्ली के अल्टीमेटम के कारण कनाडा लौट रहे हैं. उन्हें डर है कि अगर वे शुक्रवार से आगे तक देश में रहे, तो उनकी राजनयिक छूट छीन ली जाएगी. उन्होंने कहा कि मामले को और न बिगाड़ने के लिए कनाडा ने फैसला किया है कि वो कोई जवाबी कार्रवाई नहीं करेगा.
कनाडा की विदेश मंत्री ने कहा- “कनाडा हमेशा अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करता रहेगा, जो हर देश पर लागू होता है. हम भारत के साथ भी रिश्ते बनाए रखेंगे. इस वक्त हमारे लिए ये सबसे ज्यादा जरूरी है कि हमारे डिप्लोमैट्स एक-दूसरे के देश में मौजूद रहें और हम हर लेवल पर बात कर सकें.” दरअसल, भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था कि कनाडा से उनके डिप्लोमैट्स हटाने के लिए कहा गया है, ताकि दोनों देशों में बराबर डेप्लोमेट्स हों. भारत में मौजूद कनाडा के एक्स्ट्रा डिप्लोमैट्स हमारे आंतरिक मामलों में दखल देते हैं. खालिस्तानी विवाद के बीच कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने 3 अक्टूबर को कहा था कि वो भारत के साथ तनाव को बढ़ाना नहीं चाहते हैं. उन्होंने दोनों देशों के रिश्तों को फिलहाल बेहद चुनौतीपूर्ण बताया था. ओटावा में मीडिया से बात करते हुए ट्रूडो ने कहा था- “कनाडा के लिए ये जरूरी है कि हमारे डिप्लोमैट्स भारत में मौजूद रहें. हम लगातार ऐसे कदम उठाते रहेंगे, जिससे मुश्किल समय में भी भारत के साथ बेहतर रिश्ते बना सकें.”कनाडा ने भारत से अपने 41 राजनयिकों को वापस बुलाने के बाद नई एडवाइजरी भी जारी कर दी है. कनाडा ने नई ट्रैवल एडवाइजरी में भारत में रहने वाले अपने नागरिकों को विशेष सावधानी बरतने को कहा है. इस यात्रा सलाह में कहा गया है कि भारत में कनाडा के नागरिकों को डराया-धमकाया जा सकता है. उनका शोषण किया जा सकता है. उनके साथ सार्वजनिक स्थानों पर बदसलूकी भी की जा सकती है.