जून 2023 में कनाडा के सरे शहर में एक गुरुद्वारे के निकट हरदीप सिंह निज्जर की हत्या ने न केवल भारतीय समुदाय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को भी हिलाकर रख दिया। निज्जर, जिन्हें 2020 में भारतीय राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आतंकवादी घोषित किया था, वे खालिस्तानी आंदोलन के प्रमुख समर्थकों में से एक थे। उनकी हत्या के पीछे की परिस्थितियों ने कई राजनीतिक और कूटनीतिक प्रश्न खड़े किए हैं।
हरदीप सिंह निज्जर की हत्या 2023 में उनके अपने गुरुद्वारे के निकट की गई थी। उस समय, कनाडाई पुलिस ने घटना की तह तक जाने की कोशिश की और तीन व्यक्तियों—करनप्रीत सिंह, कमलप्रीत सिंह और करण बराड़ को गिरफ्तार किया। ये सभी पंजाब और हरियाणा के नागरिक बताए गए हैं। इन आरोपियों ने निज्जर की हत्या से पहले एक विशेष कार का उपयोग किया था, जिसकी तस्वीरें भी पुलिस ने जारी कीं।
कनाडा पुलिस ने आरोपियो से जुड़े 5 बड़े खुलासे किए
1- गिरफ्तार किए गए आरोपितों की पहचान करनप्रीत सिंह, कमलप्रीत सिंह और करण बराड़ के रूप में हुई है। ये पंजाब और हरियाणा के नागरिक बताए जा रहे हैं।
2- सभी वर्ष 2021 में टेंपरेरी और स्टूडेंट वीजा पर कनाडा आए थे लेकिन इनमें से किसी ने भी वहां पढ़ाई के लिए दाखिला नहीं लिया था।
3- ये सभी आरोपितों का संबंध लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से बताया जा रहा है। तीनों को अलबर्टा के एडमोंटन में गिरफ्तार किया गया।
4- कनाडा के एक अखबार ने कनाडाई पुलिस के हवाले से दावा किया है कि गिरफ्तार आरोपी लॉरेंश बिश्नोई गिरोह के संपर्क में थे।
5- कनाडा पुलिस ने हत्या के पीछे के मकसद को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है। गौरतलब है कि पुलिसकर्मियों ने भारत से किसी भी संबंध का कोई सबूत नहीं दिया है। तीनों संदिग्ध गैर-स्थायी निवासी परमिट पर कनाडा में रह रहे थे
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निज्जर की हत्या के बाद, कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार ने भारतीय एजेंसियों पर इस हत्या का आरोप लगाया था, जिसे भारत सरकार ने पूरी तरह से नकारा था। भारत ने इन आरोपों को बेबुनियाद और अस्थायी रूप से प्रेरित बताया। इस मुद्दे ने दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव को और भी बढ़ा दिया था।
हरदीप सिंह निज्जर को 2020 में भारतीय आतंकवादी घोषित किया गया था, और उन पर 2007 में पंजाब के एक सिनेमाघर में हुए बम विस्फोट का भी आरोप था। उन पर जुलाई 2022 में जालंधर में एक हिन्दू पुजारी की हत्या के केस में भी आरोप थे। इस केस में उन पर भारतीय आतंकवाद विरोधी एजेंसी ने 10 लाख रुपये का नकद इनाम भी घोषित किया था।