दिल्ली पुलिस ने 3 अक्टूबर, 2023 को न्यूज पोर्टल Newsclick से जुड़े कई पत्रकारों के घरों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई न्यूजक्लिक को चीन से फंडिंग मिलने के आरोपों के सिलसिले में की गई है। इस कार्रवाई को लेकर पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने सवाल उठाए हैं।
छापेमारी के पीछे क्या है कारण?
दिल्ली पुलिस का कहना है कि यह कार्रवाई Newsclick को चीन से फंडिंग मिलने के आरोपों की जांच के तहत की गई है। पुलिस का आरोप है कि न्यूजक्लिक ने चीन से फंडिंग लेकर भारत विरोधी सामग्री प्रकाशित की है। हालांकि, न्यूजक्लिक ने इन आरोपों को खारिज किया है।
छापेमारी पर सवाल
छापेमारी पर पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि यह कार्रवाई पत्रकारिता पर दबाव बनाने का प्रयास है। उनका आरोप है कि सरकार पत्रकारों को चुप कराने के लिए इस तरह की कार्रवाई कर रही है।
छापेमारी के बाद क्या होगा?
छापेमारी के बाद पुलिस ने न्यूजक्लिक के लेखक उर्मिलेश, परंजॉय गुहा ठाकुरता और एंकर अभिसार शर्मा को हिरासत में ले लिया है। पुलिस ने इन तीनों पत्रकारों को पूछताछ के लिए दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल कार्यालय ले जाया गया है।
#WATCH न्यूज़क्लिक के संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ को दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल कार्यालय लाया गया।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 3, 2023
दिल्ली पुलिस यूएपीए और अन्य धाराओं के तहत न्यूज़क्लिक से जुड़े विभिन्न परिसरों पर छापेमारी कर रही है। pic.twitter.com/gX3GYI9voh
क्या यह कार्रवाई पत्रकारिता के लिए खतरा है?
छापेमारी को लेकर पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह कार्रवाई पत्रकारिता के लिए खतरा है। उनका कहना है कि सरकार इस तरह की कार्रवाई करके पत्रकारों को चुप कराने की कोशिश कर रही है।
क्या यह कार्रवाई संविधान के अनुच्छेद 19(1)(a) का उल्लंघन है?
संविधान के अनुच्छेद 19(1)(a) में प्रेस की स्वतंत्रता का अधिकार दिया गया है। छापेमारी को लेकर पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह कार्रवाई संविधान के अनुच्छेद 19(1)(a) का उल्लंघन है। उनका कहना है कि सरकार पत्रकारों को उनके काम के लिए परेशान कर रही है।
क्या सरकार को इस तरह की कार्रवाई नहीं करनी चाहिए?
पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकार को इस तरह की कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। उनका कहना है कि सरकार को पत्रकारों को उनके काम के लिए स्वतंत्र रूप से काम करने देना चाहिए।