बीसीए की छात्रा आयुषी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। फिर उसके शव को यमुना एक्सप्रेस वे की सर्विस रोड पर एक ट्रॉली बैग में पैक कर कर फेंक दिया गया। इस मामले में घर वालो ने बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज नहीं कराई थी। जब पुलिस मृत छात्रा के घर पहुंची तो उसके पिता वहाँ नहीं था। बाद में पुलिस ने उसे ढूंढ लिया।
रविवार देर रात पूछ्ताछ में जब पिता अपने बेटी की हत्या करने की बात कबूल की तो पुलिस के लिए हत्या से जुड़े सबूत इकट्ठा करना आसान हो गया। देर रात ही पुलिस की टीम हत्या स्थल और लाश को ले जाने में इस्तेमाल की गयी कार, जिंस हत्यार से गोली चलाई गई थी, उसे अपने कब्जे में लेना आदि कार्य में जुट गई। 18 नवंबर का यमुना एक्सप्रेसवे की सर्विस रोड पर कृषि अनुसंधान केंद्र के पास झाड़ियों में एक ट्राली बैग मिला था। ट्रॉली बैग में युवती की लाश थी।
इसके 48घंटे में ही पुलिस मृतका के घर पहुँच गई। मृतका की पहचान रविवार की देर शाम माँ और भाई ने की। पुलिस अब इस मामले में जांच की बात कहकर चुप्पी साधे हुए हैं। हालांकि शुरूआत में ही पुलिस को लाइन मिल गई थी, कि हत्या आरोपी पिता ही है।
इसी कारण दिल्ली के मोड़बंद से पिता भाई और मां को पुलिस टीम अपने साथ लेकर आई, लेकिन पिता को पोस्टमॉर्टम ग्रह तक नहीं लेके गई। केवल निजी कार में थाना राया के प्रभारी निरीक्षक ओमहरि वाजपेयी एसआई विनय कुमार और एक सिपाही के साथ केवल बृजबाला और भाई आयुष को ही लाया गया।
खास बात तो यह है कि आयुषी 17 नवंबर को ही लापता हो गई थी। इसकी कहीं भी गुमशुदगी की रिपोर्ट नहीं दर्ज कराई गई थी। वही हत्या के बाद पिता भी घर से कहीं चला गया। अनुमान यह की पुलिस आज इस पूरे घटनाक्रम से पर्दा उठाएगी।
पोस्टमॉर्टम गृह पर राया पुलिस के साथ पहुंची माँ और भाई चेहरा ढक रखा था। जैसे ही पोस्टमॉर्टम गृह के अंदर कमरे में जाते ही पुलिस ने फ्रिजर खोला तो लाश देखते ही माँ और भाई बिलख पड़े। जोर जोर से बिलखते हुए माँ बेटे एक दूसरे के गले लग गए। 10 मिनट बाद दोनों बाहर आए।
मीडिया कर्मी ने सवाल पूछे तो दोनों ने कुछ नहीं बताया ऐसा लग रहा था, कि पुलिस ने उन्हें बोलने के लिए मना कर दिया है। आयुषी के पिता नितीश मूलरूप से गोरखपुर जिले के गांव सुनारी के रहने वाले हैं।
वह कई वर्षों से दिल्ली के गांव मोड़ बंद में परिवार के साथ रह रहे हैं। नीतीश की इलेक्ट्रॉनिक की दुकान है। वही आयुषी बीसीए की छात्रा थी। आयुषी की हत्या क्यों की इस पर अभी कोई खुलासा नहीं हुआ है।
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12 घंटे तक घर में रखी रही लड़की की लाश
सूत्रों के मुताबिक आयुषी की हत्या 17 नवंबर दोपहर को ही कर दी गई थी। इसके बाद उसके शव को घर पर ही रखा गया। यह सबकुछ परिवार के अन्य सदस्यों के सामने हुआ। रात का इंतजार किया गया और पिता ट्रॉली बैग में बेटी की लाश लेकर यमुना एक्सप्रेस वे की तरफ निकल गया।
रास्ते में लाश फेंकने का मौका ही नहीं मिला। मथुरा के राया आकर उसने बैग को देर रात फेंक दिया नवंबर को सुबह 11:00 बजे पुलिस को सूचना मिली थी कि यमुना एक्सप्रेस वे के किनारे एक बैग पड़ा है जिसमें से खून निकल रहा है।