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दिल्ली पुलिस ने किसान संगठनों को कोरोनो प्रोटोकॉल  तरिके से  प्रदर्शन करने  की अनुमति दे दी है। संसद के मानसून सत्र तक उनका प्रदर्शन बृहस्पतिवार 9 अगस्त तक चलेगा।

वैसे तो कोरोना काल में राजनीतिक, और  सामाजिक समारोह की अनुमति नहीं है, लेकिन पुलिस ने इस प्रदर्शन  के लिये  रोजाना 200 किसानों को शामिल होने की छूट दी  गई है।  ओर साथ ही  पुलिस विभाग ने  200 किसानों को  हर तरीके से अपनी निगरानी मे रखेगी । और किसानों के प्रदसन् का समय निस्छित्  किया हे  किसानोे को  11 बजे से शाम पांच बजे तक प्रदर्शन की छूट मिलेगी है। पांच बजे के बाद वह सिंघु बॉर्डर लौट जाएंगे।

उधर, खालिस्तान के  समर्थक गुुरपतवंत सिंह पन्नू ने पंजाब के युवाओं व किसानों से बड़ी संख्या में दिल्ली पहुंचने की अपील की है। और  इसको  मद्देनजर रखते हुए दिल्ली पुुलिस ने नई दिल्ली जिले को पांच जोन में बांटकर हर जोन की सुुरक्षा की जिम्मेदारी सुनिछित् करके उपायुक्त स्तर के पुलिस अधिकारी को दे दी है।

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इससे पहले मानसून सत्र के दौरान प्रदर्शन के बारे में दिल्ली पुुुलिस ने  किसान संगठनों के साथ दौर की बैठक की है। इसके बाद बुधवार को दोनों पक्षों के बीच रजामंदी हुइ । किसान संगठनों ने पुलिस को  दी पूरी  तसल्ली कि वह सिंघु बॉर्डर से रवाना होने वाले सभी किसानों की लिस्ट पुलिस को दे देंगे।

इसके अलावा उन्होंने कहा की दूसरे किसी शख्स के शामिल होने की जिम्मेदारी उनकी नहीं होगी। इस दौरान किसी भी तरह की अव्यवस्था को रोकने के लिए पुलिस अपने सुुरक्षा घेरे में किसानों को जंतर-मंतर तक पहुंचाएगी।

जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के दौरान किसान केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने, और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी सहित अपनी मांगों के समर्थन में आवाज उठाएंगे।

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संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से किसान संगठनों ने सभी सांसदों को पीपुल्स व्हिप जारी कर अपील की है कि वह किसानों की बात को संसद तक पहुंचाएं। संसद में किस दल ने उनकी आवाज किस तरह उठाई है, इस पर भी किसानों की नजर रहेगी। 

कोरोना नियमों को देखते हुए करना होगा  सख्ती पालन।प्रदर्शन के दौरान किसानों को मास्क लगाने के साथ सामाजिक दूरी, सैनिटाइजेशन सहित सभी नियमों का पालन भी  करना होगा। दिल्ली आपदा प्रबंधन को देखते हुए  विशेस  हिदायत दी है कि पुलिस के घेरे में  तय गए रूट पर ही बसों में किसानों को जाने दिया जाएगा।

किसानों के साथ एक एसयूवी और छह किसान नेताओं और प्रतिनिधियों को भी जाने की अनुमति होगी। डीडीएमए ने प्रदर्शन में 200 किसानों को शामिल होने की छूट दी है।

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