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ट्विटर

दिल्ली हाई कोर्ट आज ट्विटर के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करेगा। इससे पहले हाई कोर्ट ने नए आईटी नियमों पर अमल को लेकर ट्विटर के जवाब पर नाराजगी जाहिर की थी। ये याचिका वकील अमित आचार्य ने दायर की है।  जस्टिस रेखा पल्ली की बेंच ने ट्विटर को निर्देश दिया कि एक हफ्ते में बेहतर हलफनामा दायर करे, जिसमें मुख्य शिकायत निवारण अधिकारी और स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी का स्पष्ट उल्लेख हो।

कोर्ट ने ट्विटर को निर्देश दिया कि वे हलफनामे में ये भी बताएं कि नोडल अफसर की नियुक्ति कब तक होगी।सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से एएसजी चेतन शर्मा ने कहा कि ट्विटर ने सात मिलियन डॉलर से ज़्यादा का कारोबार किया है, तब भी उन्हें अधिकारियों की नियुक्ति में दिक्कत हो रही है। पिछले 8 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट ने साफ किया था कि केंद्र सरकार चाहे तो नए आईटी रूल्स पर अमल न होने के चलते ट्विटर पर कोई भी एक्शन ले सकती है।

पिछले 6 जुलाई को हाईकोर्ट ने इस बात पर आपत्ति जताई थी कि ट्विटर ने जिस शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति की है वो अंतरिम है।कोर्ट ने कहा था कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि आपने पिछली सुनवाई में कोर्ट को भ्रमित करने की कोशिश की।पिछले 5 जुलाई को केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा कि ट्विटर आईटी रूल्स का पालन करने में नाकाम रहा है।

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केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय ने हाईकोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा है कि सभी महत्वपूर्ण सोशल मीडिया को नए आईटी रूल्स को लागू करने के लिए तीन महीने का पर्याप्त समय दिया गया था, लेकिन ट्विटर ने नए आईटी रूल्स को पूरी तरीके से पालन नहीं किया। केंद्र सरकार ने कहा है कि ट्विटर के वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक, भारत से मिलने वाली शिकायतों का निवारण अमेरिका स्थित उनके अधिकारी कर रहे हैं।ये नए आईटी रूल्स का उल्लंघन है।

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